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संगम विश्वविद्यालय में 26 नवंबर 2025 को संविधान दिवस के उपलक्ष्य में “युवाओं के परिप्रेक्ष्य में विकसित भारत/2047 का संविधान : चुनौतियाँ और संभावनाएँ” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कला एवं मानविकी संकाय तथा विधि संकाय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत संगीत विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा राष्ट्रगीत वंदे मातरम् की प्रस्तुति से हुई।
संगम विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी
Bhilwara: संगम विश्वविद्यालय में 26 नवंबर 2025 को संविधान दिवस के उपलक्ष्य में “युवाओं के परिप्रेक्ष्य में विकसित भारत/2047 का संविधान : चुनौतियाँ और संभावनाएँ” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कला एवं मानविकी संकाय तथा विधि संकाय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत संगीत विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा राष्ट्रगीत वंदे मातरम् की प्रस्तुति से हुई।
मुख्य अतिथि जिला एवं सत्र न्यायाधीश अभय जैन ने युवाओं से संविधान के संरक्षक की भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने “लिबर्टी विद रेस्पोंसिबिलिटी” का सूत्र देते हुए विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने का संदेश दिया।
विशिष्ट अतिथि एडीजे विशाल भार्गव ने कहा कि युवाओं को जनहित याचिकाओं के माध्यम से गली-मोहल्लों की समस्याओं के समाधान में न्यायपालिका और समाज के बीच मजबूत कड़ी बनना चाहिए। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नगेन्द्र सिंह ने भारतीय संविधान की विकास यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बदलते समय और परिस्थितियों के अनुरूप संविधान में संशोधन की गुंजाइश सदैव बनी रहती है। उन्होंने संविधान को देश के सभी कानूनों का संगम बताया।
कुलपति प्रो. डॉ. करुणेश सक्सेना ने न्यायिक व्यवस्था में रोबोटिक्स और एआई जैसी नई तकनीकों के प्रयोग पर विचार करने की बात कही। साथ ही उन्होंने न्याय गरीब तक पहुँचाने और लंबित मामलों को त्वरित निपटारे की आवश्यकता रेखांकित की।
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तकनीकी सत्र की अध्यक्षता विक्रम यादव एवं डॉ. मुकेश शर्मा ने की। कुल 34 शोधपत्रों में बीएएलएलबी के अभिनव जैन प्रथम, प्रिंस प्रजापत द्वितीय और बीए की गुंजन जोशी तृतीय रहे।
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समापन सत्र में प्रतिकुलपति प्रो. डॉ. मानस रंजन पाणिग्रही ने कहा कि संविधान द्वारा बताई गई राह पर चलना हर नागरिक का कर्तव्य है। इस दौरान डॉ. जोरावरसिंह राणावत ने उद्देशिका का वाचन किया। कार्यक्रम में हिन्दी दिवस के विजेताओं को सम्मानित किया गया तथा चित्रकला विभाग द्वारा आर्ट गैलरी का प्रदर्शन किया गया। अंत में अधिष्ठाता विधि संकाय डॉ. ओमप्रकाश सोमकुवर ने धन्यवाद ज्ञापित किया तथा रजिस्ट्रार डॉ. आलोक कुमार ने सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई दी।