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स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। 23 नवंबर 2025 के पल्स पोलियो अभियान के लिए भीलवाड़ा में छपवाए गए स्टीकरों में विभाग ने बड़ी गलती कर दी। नए अभियान की तिथि के साथ 10 दिसंबर 2023 जैसी पुरानी तारीख भी छाप दी गई।
पोलियो पोस्टर
Bhilwara: भीलवाड़ा स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। 23 नवंबर 2025 के पल्स पोलियो अभियान के लिए भीलवाड़ा में छपवाए गए स्टीकरों में विभाग ने बड़ी गलती कर दी। नए अभियान की तिथि के साथ 10 दिसंबर 2023 जैसी पुरानी तारीख भी छाप दी गई और हैरानी की बात यह है कि ऐसे त्रुटिपूर्ण स्टीकरों को बिना किसी जांच-पड़ताल के सीधे शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में भेज दिया गया।
ग्रामीण इलाकों में पहुंचे इन स्टीकरों ने आमजन और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के बीच भारी भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है। जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से न तो छपाई से पहले प्रूफ रीडिंग की गई और न ही वितरण से पहले किसी स्तर पर जांच की गई। इससे विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। विभाग की ऐसी कार्यशैली तो तब है जब प्रदेश में कुछ समय पहले ही कफ सिरप कांड हुआ था जिससे बच्चों की मृत्यु तक हो गई थी और कई गंभीर बीमार हो गए थे जिसका पूरे प्रदेश में काफी बवाल भी हुआ था और चिकित्सा विभाग की प्रदेश ही नहीं अपितु देश में बदनामी हुई थी लेकिन ऐसे कांड होने के बाद भी विभाग की यह लापरवाही उजागर करती है कि विभाग अब भी गंभीर नहीं है ।
सूत्रों के अनुसार, गलत तिथि वाला सामग्री ग्रामीण क्षेत्रों में भेजकर विभाग ने अभियान की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्चों के स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील विषय पर ऐसी लापरवाही किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं है।
इतनी बड़ी चूक के लिए केवल “सुधार” काफी है या फिर इसके लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी होनी चाहिए? ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच चुकी गलत जानकारी की वजह से अब विभाग को अतिरिक्त मेहनत और संसाधन लगाने होंगे।
स्वास्थ्य विभाग की ये लापरवाही एक बार फिर साबित करती है कि तैयारी से ज्यादा कागज़ी खानापूर्ति पर ध्यान दिया जा रहा है, जिसका खामियाज़ा आम जनता को भुगतना पड़ता है।