‘वोट चोरी’ मामले में सियासत गरमाई: भाजपा ने उठाया 45 साल पुराना मुद्दा, कांग्रेस ने कहा- सब फर्जी बातें

भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच मतदाता धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है। भाजपा ने सोनिया गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका नाम भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से पहले, 1980 से 1982 तक मतदाता सूची में अवैध रूप से जोड़ा गया था। वहीं कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए चुनाव आयोग पर सवाल उठाया है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 13 August 2025, 3:38 PM IST
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New Delhi: भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी का नाम 1980 से 1982 के बीच मतदाता सूची में अवैध रूप से जोड़ा गया था, जब वह भारतीय नागरिक भी नहीं थीं। भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और सोशल मीडिया पर सक्रिय भाजपा नेता अमित मालवीय ने दावा किया कि यह घोर चुनावी कदाचार था। मालवीय ने 1980 के मतदाता सूची के अंश का हवाला देते हुए कहा कि सोनिया गांधी उस समय भारतीय नागरिक नहीं थीं और उनका नाम इस समय की मतदाता सूची में जोड़ा गया था, जब वह इटली की नागरिक थीं।

मालवीय का आरोप था कि यह तब हुआ जब सोनिया गांधी भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आधिकारिक आवास पर रह रही थीं और उनके नाम को नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल किया गया था। उन्होंने इस घटना को कानून का उल्लंघन बताया, क्योंकि भारतीय नागरिकता प्राप्त किए बिना किसी व्यक्ति को मतदाता सूची में पंजीकरण का अधिकार नहीं है। भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि 1982 में विरोध के बाद उनका नाम सूची से हटा दिया गया था, लेकिन 1983 में उनकी नागरिकता मिलने के बाद पुनः उनका नाम सूची में शामिल किया गया था, जो फिर से धोखाधड़ी का हिस्सा था।

कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों का किया खंडन

इस बीच, कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा कि सोनिया गांधी ने मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करने का अनुरोध नहीं किया था, बल्कि यह चुनाव अधिकारियों का निर्णय था। उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग पूरी तरह से स्वतंत्र और संवैधानिक संस्था है, जो अपने फैसले खुद लेता है। सोनिया गांधी ने केवल चुनाव आयोग के द्वारा उठाए गए कदमों को स्वीकार किया था।" अनवर ने यह भी कहा कि भाजपा इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दे रही है और चुनावी कदाचार का आरोप लगाकर कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।

कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि भाजपा ने इस मुद्दे को भटकाने के लिए उछाला है, जबकि पार्टी खुद ही विभिन्न चुनावों में मतदाता धोखाधड़ी के आरोपों का सामना कर रही है। उन्होंने महाराष्ट्र और कर्नाटक चुनावों में कथित मतदाता धोखाधड़ी का उदाहरण दिया और कहा कि भाजपा ने चुनाव आयोग के साथ सांठगांठ कर लाखों अवैध वोट डाले थे।

भाजपा ने राहुल गांधी पर भी साधा निशाना

भाजपा ने इस मामले में राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया और कर्नाटक और महाराष्ट्र चुनावों में कथित मतदाता धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर उनकी आलोचना की। भाजपा ने दावा किया कि विपक्षी पार्टी चुनावी प्रक्रिया को बदनाम करने के लिए झूठे आरोप लगा रही है। भाजपा के नेताओं ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और उनके सहयोगियों ने पिछले चुनावों में मतदाता धोखाधड़ी के बारे में गलत आंकड़े पेश किए हैं। अमित शाह ने इस बारे में राहुल गांधी पर तंज करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी अब बिहार चुनाव से पहले अपनी हार के बहाने ढूंढ़ रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव दर चुनाव हारती जा रही है और अब चुनाव से पहले ही हार का बहाना बना रही है।

कांग्रेस के 'वोट चोरी' का आरोप

कांग्रेस और राहुल गांधी के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन ने हाल ही में कर्नाटक और महाराष्ट्र में मतदाता धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा और चुनाव आयोग ने मिलकर लाखों अवैध वोट डाले थे, जिससे उन्हें चुनावी परिणामों में नुकसान हुआ। कांग्रेस ने दावा किया कि बेंगलुरु के महादेवपुरा क्षेत्र में एक ही कमरे से 80 अवैध वोट डाले गए, जिससे उनकी पार्टी एक महत्वपूर्ण लोकसभा सीट हार गई। इसके अलावा, महाराष्ट्र में भी एक करोड़ से अधिक मतदाता मतदाता सूची में दिख रहे थे, जो चुनाव बाद से हटा दिए गए थे।

विपक्ष ने यह भी कहा कि बिहार में चुनाव आयोग द्वारा की जा रही 'विशेष गहन पुनरीक्षण' प्रक्रिया का उद्देश्य उन लाखों लोगों को मताधिकार से वंचित करना है, जो वैध मतदाता हो सकते हैं। इस पर विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, और यह मामला अभी अदालत में विचाराधीन है।

चुनाव आयोग का पलटवार

चुनाव आयोग ने इन आरोपों पर कड़ा रुख अपनाया है और कहा है कि उसकी प्रक्रियाएं पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष हैं। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी आरोप को गंभीरता से लिया जाएगा और आरोप लगाने वालों को आवश्यक प्रमाण प्रदान करने की सलाह दी है। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी और कांग्रेस से अनुरोध किया है कि वे अपने आरोपों को हस्ताक्षरित हलफनामे में दर्ज कराएं और प्रमाण प्रस्तुत करें। आयोग ने कहा कि कांग्रेस ने 2018 में भी सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की थी, और भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जानबूझकर चुनाव आयोग को बदनाम करने की साजिश की है।

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