बाराबंकी में सरयू नदी ने ली करवट, आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का खतरा, अलर्ट जारी

हर साल नदी खेत छीन लेती है, लेकिन इस बार डर ज्यादा है। अगर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, तो पूरे गांव को नुकसान हो सकता है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 11 July 2025, 2:22 PM IST
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Barabanki News: सरयू नदी ने एक बार फिर करवट ली है और इसका जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। लगातार हो रही बारिश अब चिंता का मुद्दा बन गई। बाराबंकी जिले के कई गांवों में हड़कंप मच गया है। ग्रामीणों के बीच डर का माहौल बना हुआ है, खासकर वे गांव जो नदी के बिल्कुल किनारे बसे हुए हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, बुधवार रात 8 बजे नदी का जलस्तर 105.070 मीटर दर्ज किया गया था, जो गुरुवार दोपहर 4 बजे तक बढ़कर 105.410 मीटर पर पहुंच गया। यह बढ़ोतरी करीब 34 सेंटीमीटर की है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वृद्धि औसतन प्रति घंटे दो सेंटीमीटर की रफ्तार से दर्ज की गई है। हालांकि, नेपाल से इस बार अतिरिक्त पानी नहीं छोड़ा गया है। लेकिन लगातार हो रही बारिश ने नदी में उफान ला दिया है। इससे नदी का बहाव तेज हो गया है और कटान की समस्या गंभीर होती जा रही है।

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कई गांवों की उपजाऊ जमीन पर मंडरा रहा खतरा

सरयू की प्रमुख धारा तेजी से किनारों को काटते हुए तपेसिपाह, सिसौंडा, मल्लहन पुरवा, जैनपुरवा और दुर्गापुर जैसे गांवों की ओर बढ़ रही है। इन गांवों की उपजाऊ कृषि भूमि नदी की चपेट में आ रही है। जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।

दो धाराओं में बंटी नदी

नदी अब दो धाराओं में बंट चुकी है। एक धारा सीधे गांवों की ओर बह रही है, जिससे कटान की गति तेज हो गई है, जबकि दूसरी धारा एल्गिन ब्रिज और संजय सेतु के बीच से होकर गुजर रही है। इस विभाजित बहाव ने कटान को और अधिक खतरनाक बना दिया है। विशेष रूप से जैनपुरवा गांव, जो संजय सेतु की कोठी के पास स्थित है, वहां कटान की स्थिति गंभीर बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 24 घंटों में कई फीट जमीन नदी में समा चुकी है।

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ग्रामीणों में दहशत

गांवों में रहने वाले लोग अब अपने घरों और खेतों को छोड़ने की आशंका में जी रहे हैं। ग्रामीण प्रशासन से तटबंधों की मरम्मत और कटान रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। तपेसिपाह निवासी किसान रामप्रकाश यादव ने बताया, "हर साल नदी खेत छीन लेती है, लेकिन इस बार डर ज्यादा है। अगर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, तो पूरे गांव को नुकसान हो सकता है।"

प्रशासन की निगरानी जारी

प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि जिले में जलस्तर पर निगरानी बढ़ा दी गई है। जल संसाधन विभाग की टीमें मौके पर तैनात हैं और संभावित कटान क्षेत्रों की पहचान की जा रही है। जल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि, "हालात पर पैनी नजर रखी जा रही है। चेतावनी स्तर पार नहीं हुआ है, लेकिन सतर्कता बेहद जरूरी है। जरूरी हुआ तो राहत और बचाव दलों को सक्रिय किया जाएगा।"

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