

राजस्थान के भीलवाड़ा में बनास नदी पर अवैध खनन को लेकर ग्रामीणों ने जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर जमकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने अवैध खनन पर तत्काल रोक लगाने, माइनिंग विभाग व पुलिस की मिलीभगत की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
अवैध खनन को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन
Bhilwara: जनपद के बनास नदी क्षेत्र में चल रहे अवैध बजरी खनन को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों ने उच्च न्यायालय जयपुर की सिविल पिटीशन संख्या 4250/2012 में दिए गए आदेशों की खुलेआम अवहेलना को लेकर कड़ा विरोध जताया है।
जानकारी के अनुसार बुधवार को बड़ी संख्या में किसान धीरज गुर्जर के निवास स्थान पर पहुंचे, वहां से धीरज गुर्जर की अगुवाई में किसान जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि न्यायालय द्वारा LNT और JCB मशीनों से खनन पर प्रतिबंध के बावजूद लीज धारक महादेव इन्क्लेव प्रा.लि. द्वारा भारी मशीनों से खनन किया जा रहा है।
दिनांक 3 अक्टूबर 2025 को थाना बड़लियास में सैकड़ों ग्रामीणों ने एकजुट होकर इस अवैध गतिविधि के खिलाफ लिखित शिकायत दी थी। ग्रामीणों ने बताया कि जब महिलाओं ने डम्परों से मोहरम और बबलु के पेड़ों को नदी में भरकर ले जाने का विरोध किया, तो पुलिस द्वारा उनके साथ धक्का-मुक्की की गई। ग्रामीणों का आरोप है कि अब पुलिस स्वयं पेट्रोलिंग कर बजरी निकालने में मदद कर रही है और विरोध करने वालों को डराया-धमकाया जा रहा है।
अवैध खनन को लेकर ग्रामीणों का कलैक्ट्रेट में प्रदर्शन
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि माइनिंग विभाग और लीजधारक की मिलीभगत से ब्लॉक नंबर 7 में नियमों के विपरीत गहराई तक खनन किया जा रहा है। जहां नियमानुसार 0.5 मीटर तक खनन की अनुमति है, वहीं 8 से 10 मीटर गहरा खनन किया जा रहा है।
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उन्होंने बताया कि इससे न केवल नदी के बहाव क्षेत्र को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि सरकार को प्रतिदिन करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान हो रहा है। आरोप यह भी लगाया गया कि लीजधारक ने चरागाह भूमि को खोदकर कई रास्ते बना दिए हैं, जिससे 20 हेक्टेयर क्षेत्र की घास पूरी तरह नष्ट हो चुकी है और मवेशी भूख से मरने की कगार पर हैं। वहीं पर्यावरण स्वीकृति की शर्त के अनुसार प्रतिवर्ष 10 हजार पेड़ लगाने की बाध्यता के बावजूद अब तक एक भी पेड़ नहीं लगाया गया।
ग्रामीणों का कहना है कि लीजधारक के कर्मचारी स्थानीय लोगों को अवैध हथियारों से डराते-धमकाते हैं और इनमें कई हिस्ट्रीशीटर व वांछित अपराधी भी शामिल हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि सभी कर्मचारियों की पहचान सार्वजनिक की जाए ताकि किसी अप्रिय घटना की संभावना न रहे।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उच्च न्यायालय के आदेशों का पालना सुनिश्चित नहीं किया गया और LNT-JCB मशीनों का प्रयोग बंद नहीं हुआ, तो क्षेत्रवासी बनास नदी से एक भी कण बजरी नहीं निकलने देंगे। उनका कहना है कि ''बनास हमारी मां है, राजस्थान की भागीरथी गंगा है – इसके संरक्षण के लिए हम प्राण न्योछावर करने को तैयार हैं।''
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ग्रामीणों ने जिला पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि लीजधारक महादेव इन्क्लेव प्रा.लि. के खिलाफ न्यायालय की अवमानना का प्रकरण दर्ज किया जाए, अवैध खनन पर तत्काल रोक लगाई जाए, और माइनिंग विभाग व पुलिस की मिलीभगत की निष्पक्ष जांच कराई जाए।