

भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल में डॉ. तबस्सुम अंसारी द्वारा किए गए दवा घोटाले मामले ने तूल पकड़ लिया है। भीलवाड़ा जन अधिकार परिषद के सदस्यों ने गौरवजी नगर के नेतृत्व में सांसद दामोदर अग्रवाल से मिलकर डॉ. तबस्सुम अंसारी द्वारा दवाईयों में किये गये घोटाले की जांच की मांग जिला कलेक्टर से की है।
ज्ञापन सांसद दामोदर अग्रवाल को देते हुए
Bhilwara: भीलवाड़ा जन अधिकार परिषद के सदस्यों ने गौरवजी नगर के नेतृत्व में सांसद दामोदर अग्रवाल से मिलकर डॉ. तबस्सुम अंसारी द्वारा दवाईयों में किये गये घोटाले की जाँच की मांग जिला कलेक्टर से की है।
सांसद दामोदर अग्रवाल ने महात्मा गांधी अस्पताल में कार्यरत डॉ. तबस्सुम अंसारी द्वारा दवाईयों में किये गये घोटाले की जाँच के संबंध में जिला कलक्टर को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की है।
दामोदर अग्रवाल ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि डॉ. तबस्सुम अंसारी द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए राज्य सरकार के नियमों के विरुद्ध कार्य किया गया है।
पत्र में बताया गया है कि डॉक्टर द्वारा जारी की गई जांच पर्ची सरकारी नियमों के अनुरूप नहीं है और इससे सरकारी दवा खरीद प्रक्रिया में अनियमितता की संभावना प्रकट होती है।
जन अधिकार परिषद के सदस्य सांसद दामोदर अग्रवाल को ज्ञापन देते हुए
अग्रवाल ने जिला कलक्टर से अनुरोध किया है कि इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए अविलंब जांच कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
जिला महात्मा गांधी अस्पताल में कार्यरत डॉ. तबस्सुम अंसारी पर दवाईयों में किए गये करोड़ों रूपए के घोटाले का आरोप हैं। वहीं जन अधिकार परिषद द्वारा जिला कलेक्टर व प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा गया था। डॉ. तबस्सुम अंसारी के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित करवाकर कानूनी कार्यवाही कर तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर, शास्ति की वसूली की मांग की।
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गौरतलब है कि महात्मा गांधी जिला अस्पताल की चिकित्सा अधिकारी डॉ. तबस्सुम अंसारी ने एक ही कंपनी एटी फार्मा की दो करोड़ रुपए से ज्यादा की दवाएं मरीजों को लिखीं। इसमें उपभोक्ता भंडार की दुकान नंबर सात व दुकान नंबर दो की मिलीभगत सामने आई है।
डॉ. तबस्सुम की लिखी दवाएं भीलवाड़ा के केवल दो-तीन मेडिकल स्टोर पर ही मिलती थी। यह ब्रांड कंपनी उनके भाई की है। इन दवाओं की उपलब्धता प्रदेश के अन्य हिस्सों में नहीं है। डॉ. तबस्सुम एमबीबीएस हैं, फिर भी उन्होंने हृदय, ब्लड शुगर और अन्य गंभीर बीमारियों की दवाएं लिखीं। कुछ दवाएं जो दिन में एक बार लेनी होती हैं, उन्हें दिन में तीन बार लेने के लिए लिखा गया।
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उन्होंने पर्ची के पीछे भी दवाइयां लिखी। इसका कारण है कि आरजीएचएस में कई तरह की दवाइयां नहीं मिलती है। इसका विकल्प भी डॉ. तबस्सुम ने निकाल रखा था। डॉ. तबस्सुम पर्ची के पीछे वह दवाई लिख देती थी जो आरजीएचएस में नहीं मिलती।
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