17 बिल, 5 बड़े मुद्दे और एक महाभियोग: संसद सत्र से पहले केंद्र ने दिया बड़ा संदेश

संसद सत्र शुरू होने से पहले सियासी तापमान तेज हो चुका है। रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने नजर आए। करीब डेढ़ घंटे चली इस बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सरकार की मंशा स्पष्ट करते हुए कहा “हम बहस से नहीं भागते, लेकिन हर चर्चा संसद के नियमों के तहत होगी।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 20 July 2025, 4:16 PM IST
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New Delhi: संसद सत्र शुरू होने से पहले सियासी तापमान तेज हो चुका है। रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने नजर आए। करीब डेढ़ घंटे चली इस बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सरकार की मंशा स्पष्ट करते हुए कहा "हम बहस से नहीं भागते, लेकिन हर चर्चा संसद के नियमों के तहत होगी।

लोकतंत्र से जुड़े कई संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा

सूत्रों के अनुसार,  इस बार का मॉनसून सत्र (21 जुलाई से शुरू) कई मायनों में बेहद अहम माना जा रहा है। जहां सरकार 17 विधेयक (Bills) लेकर आ रही है, वहीं विपक्ष सुरक्षा, संवैधानिक प्रक्रिया और लोकतंत्र से जुड़े कई संवेदनशील मुद्दों पर जवाब चाहता है।

5 अहम मुद्दे जिन पर विपक्ष ने की बहस की मांग:

पहलगाम आतंकी हमला और उपराज्यपाल के बयान – विपक्ष चाहता है कि पीएम मोदी खुद सदन में मौजूद रहें और बयान दें।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत-पाक पर बयान – संवेदनशील विदेश नीति के मुद्दे पर जवाब मांगा गया।
बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन – विपक्ष को आशंका है कि इससे मताधिकार प्रभावित हो सकता है।
सीमा सुरक्षा और टू-फ्रंट थ्रेट (चीन-पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश एंगल) – एक रणनीतिक चर्चा की मांग की गई है।
मणिपुर हिंसा और पूर्वोत्तर की स्थिति – सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए डिबेट की मांग।

जस्टिस वर्मा का मामला फिर गरमाया

जस्टिस वर्मा के घर से बरामद नकदी और जले हुए नोटों के मामले में सरकार अब महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के मुताबिक, “100 से अधिक सांसद इस प्रस्ताव पर साइन कर चुके हैं।” हालांकि उन्होंने प्रस्ताव लाने की टाइमलाइन स्पष्ट नहीं की, लेकिन यह माना जा रहा है कि यह सत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक धमाका हो सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कही ये बात

रिजिजू ने मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर सदन में उपस्थित रहते हैं, भले ही हर बहस में हिस्सा न लें। सरकार बहस से नहीं भाग रही, लेकिन हर चीज़ को संसद के नियम और प्रक्रिया के तहत ही चलाया जाएगा। उन्होंने यह भी माना कि छोटे दलों को बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता, इस पर सरकार विचार करेगी।

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