

भारत में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। नए वेरिएंट की वजह से अब तक हजारों लोग पॉजिटिव पाए जा चुके हैं पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज पर..
नई दिल्ली: भारत में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। नए वेरिएंट की वजह से अब तक हजारों लोग पॉजिटिव पाए जा चुके हैं और यह सिलसिला जारी है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता की रिपोर्ट के मुताबिक, अलग-अलग राज्यों से हर दिन नए मामले सामने आ रहे हैं और कुछ लोगों की मौत भी हुई है।
जानकारी के मुताबिक, भारत में कोविड-19 के 1,000 से ज़्यादा एक्टिव मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें सिर्फ़ एक हफ़्ते में 752 नए मामले सामने आए हैं।इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने कुछ एहतियाती कदम उठाए हैं और राज्यों को निर्देश भी दिए हैं। सोशल मीडिया पर लोग लॉकडाउन की बात कर रहे हैं, तो आइए जानते हैं कि यह फैसला कब लिया जाएगा और इसके नियम क्या हैं।
भारत में मिले दो नए वेरिएंट
जानकारी के मुताबिक, जो मामले सामने आ रहे हैं, उनमें कोरोना के कुछ नए सब-वेरिएंट भी हैं। NB.1.8.1 और LF.7 ओमीक्रॉन के वेरिएंट थे और अब इनके सब-वेरिएंट JN.1 और LF.7 सामने आ रहे हैं। सबसे ज़्यादा लोग JN.1 से संक्रमित हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ये वेरिएंट इतने ख़तरनाक नहीं हैं, इसलिए लोगों को घबराने की ज़रूरत नहीं है। वहीं अब सोशल मीडिया पर लोग बार-बार यही सवाल पूछ रहे हैं कि क्या लॉकडाउन लगाया जा सकता है? लॉकडाउन ऐसे नहीं लगाया जाता। सरकार यह फैसला तब लेती है जब कोरोना से होने वाली मौतों की दर बहुत बढ़ जाती है।
क्या लग सकता है लॉकडाउन?
जब कोरोना फैलने से लोगों की जान को गंभीर खतरा होता है तो कुछ समय के लिए बाजार और दूसरी चीजें बंद कर दी जाती हैं। लॉकडाउन आखिरी उपाय होता है और इससे पहले कुछ हल्के प्रतिबंध लगाए जाते हैं और लोगों को सतर्क रहने को कहा जाता है। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने पूरी दुनिया में काफी तबाही मचाई थी जिसकी वजह से सब कुछ बंद करना पड़ा और सरकारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन अब लोगों ने वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज ले ली है। इसकी वजह से ये नए वेरिएंट उतने खतरनाक नहीं हैं। फिलहाल लॉकडाउन जैसी स्थिति नहीं है इसलिए आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आपको बस कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना है और आप इस वायरस से सुरक्षित रहेंगे।