

ममता बनर्जी सरकार के अनुरोध को मोदी सरकार ने माना: IAS डॉ. मनोज पंत (WB:1991) को 6 माह का सेवा विस्तार मिला, अब 1 जुलाई से 31 दिसंबर 2025 तक पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव बने रहेंगे।
New Delhi: सीनियर आईएएस अधिकारी डॉ मनोज पंत को एक बार फिर से पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव पद की जिम्मेदार सौंंपी गई हैं। केंद्र सरकार ने उनके सेवा विस्तार को मंजूरी दे दी हैं। राज्य की ममता सरकार ने केंद्र सरकार को सेवा विस्तार देने की सिफारिश की थी, जिसको केंद्र सरकार ने मंजूर कर दी हैं।
ममता बनर्जी सरकार के अनुरोध को मोदी सरकार ने माना: IAS डॉ. मनोज पंत (WB:1991) को 6 माह का सेवा विस्तार मिला, अब 1 जुलाई से 31 दिसंबर 2025 तक पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव बने रहेंगे, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) June 30, 2025
कौन है डॉ. मनोज पंत
पश्चिम बंगाल के नये मुख्य सचिव डॉ. मनोज पंत प. बंगाल कैडर के ही 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इससे पहले वो पश्चिम बंगाल में सिंचाई और जलमार्ग विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत थे। उनके पास व्यापक प्रशासनिक अनुभव और शासन को मजबूत करने का एक ट्रैक रिकॉर्ड है।
डॉ. मनोज पंत हीराडूंगरी, अल्मोडा, उत्तराखंड के रहने वाले हैं। उनके पिता धर्मानंद पंत स्कूल शिक्षक थे। उनकी मां का नाम रेवती पंत था। दोनों का स्वर्गवास हो चुका है। कहते हैं पिता धर्मानंद पंत ने अपने बेटे को सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शिक्षा और अनुशासन डॉ. पंत को विरासत में मिला। यह उनकी उपलब्धियों का आधार बना। शिक्षा के साथ ही दृढ़ता, कड़ी मेहनत और ईमानदारी का उन्होंने पालन करना अपने पिता से सीखा।
घोड़ाखाल में स्कूली शिक्षा, नैनीताल से BSc
डॉ. मनोज पंत की शुरुआती शिक्षा-दीक्षा सैनिक स्कूल, घोड़ाखाल से शुरू हुई थी, जहां वो स्कूल कैप्टन भी थे। उसके बाद उन्होंने डीएसबी कॉलेज नैनीताल से BSc की डिग्री प्राप्त की। वहीं उन्होंने आईआईटी रुड़की से एप्लाइड जियोलॉजी में मास्टर डिग्री हासिल की थी। उनको विशिष्ठ स्थान हासिल करने पर स्वर्ण पदक भी प्राप्त हुआ।
डॉ. प्रणब मुखर्जी के निजी सचिव भी रहे
डॉ. मनोज पंत ने साल 2007 में अमेरिका के सिरैक्यूज़ विश्वविद्यालय से भी सार्वजनिक प्रशासन में एमए की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने 2018 में कोलकाता विश्वविद्यालय से पीएच.डी. पूरी की थी।
डॉ. मनोज पंत साल 1991 में पश्चिम बंगाल कैडर में आईएएस में शामिल हुए। उन्होंने मुर्शिदाबाद और एन24 परगना के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में सेवा दी। वहीं केंद्र में तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. प्रणब मुखर्जी के निजी सचिव और वाशिंगटन डीसी में विश्व बैंक में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में भी उन्होंने काम किया था।