

भारतीय सेना ने मिशन सुदर्शन चक्र के तहत सीमा-नज़दीकी जनसंख्या केंद्रों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने के लिये छह AK-630 30mm एयर-डिफेंस गन के लिए RFP जारी किया है। यह मोबाइल, उच्च-रेट गन ड्रोन, रॉकेट और नज़दीकी वायु धमकियों को रोकने में सक्षम होगी।
AK 630
New Delhi: भारतीय सेना ने मिशन सुदर्शन चक्र के भाग के तौर पर सीमा के नजदीकी संवेदनशील जनसंख्या केंद्रों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए एयर-डिफेंस क्षमताओं को तेज करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एयर डिफेंस ब्रांच ने एडवांस्ड वेपन एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL) के माध्यम से छह AK-630 30mm मल्टी-बैरेल मोबाइल एयर-डिफेंस गन सिस्टम की खरीद के लिए RFP (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी कर दी है।
बहु-स्तरीय सुरक्षा ढाल का पहला चरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2025 को मिशन सुदर्शन चक्र की घोषणा करते हुए इसे भारत का स्वदेशी "आयरन डोम" करार दिया था। सरकार ने कहा था कि यह एक बहु-स्तरीय, एकीकृत सुरक्षा ढाल होगा- जिसमें निगरानी, साइबर सुरक्षा और एयर-डिफेंस सिस्टम को जोड़कर 2035 तक चरणबद्ध तरीके से मजबूत किया जाएगा। रक्षा विशेषज्ञ इसे शहरों, धार्मिक केंद्रों और अन्य संवेदनशील प्रतिष्ठानों की रक्षा के लिए रणनीतिक पहल मान रहे हैं।
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AK-630: नजदीकी हवाई ख़तरों के लिए उपयुक्त विकल्प
आवेदन में बताए अनुसार चुने गए AK-630 सिस्टम 30mm कैलिबर के उच्च-दर वाली घूर्णन गनें हैं जिन्हें ट्रेलर पर माउंट करके उच्च गतिशीलता वाले वाहन से टो किया जा सकेगा। सैनिकों ने कहा है कि यह प्लेटफ़ॉर्म खासकर लो-फ्लाइंग UAVs (ड्रोन), रॉकेट, आर्टिलरी शेल और मोर्टार जैसी नज़दीकी धमकियों को इंटरसेप्ट करने के काम आएगा। दस्तावेज में सिस्टम की अनुमानित प्रभावी रेंज लगभग 4 किलोमीटर बताई गई है और इसकी चक्रीय फायरिंग दर प्रति मिनट तक 3,000 राउंड के आसपास है। लक्ष्य की पहचान और निशाना साधने के लिये यह ऑल-वेदर इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल फायर कंट्रोल सिस्टम का उपयोग करेगा।
ऑपरेशन सिंदूर से मिली प्रेरणा
आकस्मिक चुनौतियों के बाद यह पहल और तेज हुई है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान—जब पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन और लो-फ्लाइंग प्लेटफॉर्म से नागरिक क्षेत्रों व धार्मिक स्थलों पर धमकियाँ आई थीं—भारतीय एयर-डिफेंस ने कई गंभीर खतरे निष्क्रिय किए थे। सेना ने L-70, ZU-23-2B, अपग्रेडेड शिल्का और सतह-से-हवा मिसाइल सिस्टम का प्रभावशाली उपयोग कर संवेदनशील क्षेत्रों की रक्षा सुनिश्चित की थी। इन घटनाओं ने स्पष्ट कर दिया कि शहरी व धार्मिक क्षेत्रों के ऊपर प्रभावी, त्वरित और मोबाइल एयर-डिफेंस की आवश्यकता बढ़ गई है।
सैन्य नेतृत्व की सख्त चेतावनी और रणनीतिक रुख
सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने हालिया बयान में सीमा पार की आतंकवादी गतिविधियों के विरुद्ध चेतावनी जारी की और संकेत दिया कि ऑपरेशन सिंदूर-2.0 में भारत कोई नरमी नहीं दिखाएगा। रक्षा समर्थन तथा स्थानीय सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत करने के साथ ही इस तरह के शस्त्र प्रणालियों की खरीद से क्षेत्रीय नियोजन और रसद व्यवस्था में भी मजबूती आएगी।