Parliament Winter Session: सपा का शीतकालीन सत्र को लेकर बड़ा बयान, एसआईआर पर चर्चा न होने पर दी चेतावनी

सपा ने शीतकालीन सत्र के दौरान एसआईआर पर चर्चा की मांग की है। सपा सांसद राम गोपाल यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया में गड़बड़ियां हो रही हैं, जिससे लोगों के वोट काटे जा रहे हैं। पार्टी ने कहा कि यदि इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई तो संसद नहीं चलेगा।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 30 November 2025, 6:54 PM IST
google-preferred

New Delhi: समाजवादी पार्टी (सपा) ने रविवार को घोषणा की कि अगर शीतकालीन सत्र के दौरान मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा नहीं की गई तो वे संसद को चलने नहीं देंगे। इस मुद्दे को लेकर पार्टी ने सरकार को चेतावनी दी है कि यह मामला चुनाव आयोग से जुड़ा है और इसे टाला नहीं जा सकता।

सपा का विरोध

सपा सांसद राम गोपाल यादव ने इस बात की पुष्टि की कि पार्टी शीतकालीन सत्र में एसआईआर पर चर्चा की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा अब बेहद गंभीर हो गया है, क्योंकि चुनाव आयोग के जरिए देशभर में वोटरों की सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हो रही हैं। यादव ने कहा, "हम देख रहे हैं कि लोगों के वोट काटे जा रहे हैं और इसके खिलाफ हमें संसद में चर्चा करनी चाहिए।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिहार में इस प्रक्रिया में गड़बड़ियां सामने आई हैं और ऐसे में यह मुद्दा संसद में उठाने की जरूरत है।

संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू, केंद्र और विपक्ष के बीच हंगामे की संभावना; इन मुद्दों पर हो सकती बहस

राम गोपाल यादव ने किया सख्त आरोप

राम गोपाल यादव ने कहा, "अब हम सिर्फ सुनते नहीं हैं, बल्कि देख रहे हैं कि लोगों के वोट काटे जा रहे हैं। बिहार में हुई गड़बड़ियों के बारे में हमारी पार्टी ने चर्चा की मांग की है।" उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया को लेकर सरकार को बचने का कोई कारण नहीं होना चाहिए। यादव ने उदाहरण के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया और कहा, "अगर प्रधानमंत्री का नाम ही काट दिया जाए तो क्या उस पर चर्चा नहीं होनी चाहिए?"

सपा का इटावा का उदाहरण

राम गोपाल यादव ने इटावा जिले का उदाहरण दिया, जहां उनकी जानकारी के अनुसार, जिले के सभी मतदाता को "कैटेगरी सी" में रखा गया है। यादव ने कहा, "इटावा जिले के हर एक नागरिक को कैटेगरी सी में रखा गया है। हमारे जिले से संसद के दोनों सदनों में सात सांसद और तीन विधायक हैं, और उनमें से प्रत्येक को कैटेगरी सी में रखा गया है। क्या यह गड़बड़ी नहीं है?" इस मुद्दे को सपा ने गंभीरता से उठाया है और इसके समाधान की मांग की है।

सर्वदलीय बैठक में एसआईआर पर चर्चा की मांग

रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में, जहां सरकार ने शीतकालीन सत्र को लेकर आम सहमति बनाने का प्रयास किया, सपा ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। राम गोपाल यादव ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार एसआईआर पर चर्चा नहीं करती है, तो संसद का कामकाज ठप कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग द्वारा किए गए इस विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर सरकार को कड़ी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस पर चर्चा करनी चाहिए।

संसद का शीतकालीन सत्र: 30 नवंबर को सोनिया गांधी के आवास पर कांग्रेस की रणनीति बैठक, कई मुद्दों पर सरकार को घेरेगी पार्टी

शीतकालीन सत्र की शुरुआत

शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है, जो 19 दिसंबर को समाप्त होगा। इस दौरान कुल 15 बैठकें आयोजित की जाएंगी। हालांकि, विपक्षी दलों का कहना है कि यह सत्र बहुत संक्षिप्त है, क्योंकि आमतौर पर संसद के सत्रों में 20 बैठकें होती हैं। विपक्ष ने इस सत्र को लेकर सरकार पर आरोप लगाया है कि वह अपनी योजनाओं को तेजी से लागू करने के लिए इसे छोटा रख रही है।

वोटरों का हक बरकरार रखना होगा

सपा ने यह भी कहा है कि चुनावी गड़बड़ियों को लेकर अगर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो इसका असर आगामी चुनावों पर पड़ेगा। पार्टी ने यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि देशभर में वोटर लिस्ट में कोई भी अनियमितता न हो और प्रत्येक नागरिक का वोट सुरक्षित रहे। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक इस मुद्दे पर संसद में खुलकर चर्चा नहीं होगी, तब तक पार्टी चुप नहीं बैठेगी।

कांग्रेस और विपक्ष का रुख

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भी एसआईआर पर गहन चर्चा की जरूरत पर जोर दिया है। विपक्ष का मानना है कि चुनाव आयोग का काम पूरी तरह पारदर्शी होना चाहिए और इसमें कोई गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। विपक्षी नेताओं ने सरकार से मांग की है कि इस पर संसद में समुचित बहस हो ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शुचिता बनी रहे।

क्या है एसआईआर?

विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) एक ऐसा प्रक्रिया है, जिसमें चुनाव आयोग मतदाता सूची को पुनः जांचता है और सुनिश्चित करता है कि किसी भी नागरिक का नाम गलत तरीके से हटा न दिया गया हो। इस प्रक्रिया के दौरान कई बार कुछ नाम गायब हो जाते हैं या गलत जानकारी दर्ज हो जाती है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए हानिकारक हो सकता है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 30 November 2025, 6:54 PM IST