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सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों को संसद में उठाने की तैयारी में है। भाजपा सरकार की विदेश नीति को चुनौती देते हुए कांग्रेस यह मुद्दा जोरदार तरीके से रखने की योजना बना रही है।
सोनिया गांधी
New Delhi: 1 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले कांग्रेस ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने की तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक 30 नवंबर शाम 5 बजे कांग्रेस की शीर्ष नेतृत्व बैठक सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर होगी। इसी बैठक में शीतकालीन सत्र (1-19 दिसंबर) के दौरान संसद में उठाए जाने वाले मुद्दों पर विपक्षी रणनीति तय की जाएगी।
कांग्रेस लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में विपक्ष का नेतृत्व कर रही है और इस सत्र में वह सरकार को घेरने के लिए कई अहम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को प्रमुखता से उठा सकती है।
ट्रंप के बयान, चीन संबंध और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा की मांग
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों को संसद में उठाने की तैयारी में है। भाजपा सरकार की विदेश नीति को चुनौती देते हुए कांग्रेस यह मुद्दा जोरदार तरीके से रखने की योजना बना रही है।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने भी इस माह की शुरुआत में कहा था कि ट्रंप के बयानों पर प्रधानमंत्री की चुप्पी “सबसे बड़ा मुद्दा” होगी। उन्होंने कहा, “चीन के साथ वर्तमान संबंध अब भी अनसुलझे हैं। कोई सीमा समझौता नहीं हुआ है। हम LAC पर पहले जैसी स्थिति में नहीं लौटे हैं।”
SIR से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा तक कई मुद्दे होंगे एजेंडे में
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस SIR (Special Intensive Revision of Voter List) से जुड़े मुद्दों को भी सदन में प्रमुखता से उठाएगी। पार्टी इसे लोकतांत्रिक ढांचे का महत्वपूर्ण मामला मानती है।
वहीं राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी का कहना है कि 10 नवंबर को दिल्ली में हुए विस्फोटों, जिनमें 15 लोगों की मौत हुई, ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं। यह मुद्दा भी सत्र में विपक्ष द्वारा उठाया जाएगा।
सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक आज
सत्र से एक दिन पहले यानी 30 नवंबर को केंद्रीय मंत्री किरें रिजिजू ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें विभिन्न दलों से संसद सत्र को सुचारू रूप से चलाने और सदन के एजेंडे पर चर्चा की जाएगी। इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सभी पार्टियों को विधेयकों की सूची दी जाएगी और उनके सुझावों के आधार पर सरकार सत्र का संचालन करेगी। मेघवाल के अनुसार “हम विभागीय सचिवों के साथ लंबित विधेयकों की समीक्षा कर रहे हैं। फिर विपक्ष के नेताओं के साथ सूची साझा कर सुझाव लिए जाएंगे।”
19 दिनों में 15 बैठकें, निजी विधेयकों के लिए भी समय
शीतकालीन सत्र में कुल 19 दिनों में 15 बैठकें निर्धारित हैं।
अगले दो सप्ताह तक संसद में कई महत्वपूर्ण विधेयक और राष्ट्रीय मुद्दों पर गर्मागर्मी की संभावना है।