संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू, केंद्र और विपक्ष के बीच हंगामे की संभावना; इन मुद्दों पर हो सकती बहस

संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, जिसमें केंद्र और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर हंगामा छिड़ने की संभावना है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल केंद्र सरकार को घेरने की योजना बना रहे हैं, जबकि सरकार ने सत्र को शांतिपूर्वक चलाने की अपील की है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 30 November 2025, 1:35 PM IST
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New Delhi: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार, 27 नवंबर से शुरू होने जा रहा है और इसके साथ ही केंद्र और विपक्ष के बीच कई अहम मुद्दों पर हंगामा छिड़ने के आसार हैं। शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए। इस बैठक के बाद विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं और संसद में इस सत्र के दौरान सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है।

कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप

सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस के लोकसभा सांसद गौरव गोगोई ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। गोगोई ने कहा, “ऐसा लगता है कि सरकार, भाजपा और प्रधानमंत्री भारत के लोकतंत्र और संसदीय परंपराओं को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।” गोगोई ने कहा कि इस शीतकालीन सत्र को सरकार संसद को पटरी से उतारने का एक और अवसर मान रही है। उन्होंने कहा कि यह संभवतः सबसे छोटा शीतकालीन सत्र होगा और कांग्रेस इस दौरान सरकार से लोकतंत्र की रक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा, वायु प्रदूषण, मतदाता सूची की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा करने की मांग करेगी।

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माकपा ने भी सरकार की जिम्मेदारी पर सवाल उठाए

माकपा सांसद जॉन ब्रिटास ने भी सर्वदलीय बैठक के बाद सरकार को घेरते हुए कहा कि दिल्ली में लाल किले के पास हुआ विस्फोट सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। ब्रिटास ने कहा कि माकपा संसद में सुरक्षा मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की मांग करेगी। इसके अलावा उन्होंने चेतावनी दी कि अगर संसद का सत्र बाधित होता है और कामकाजी नहीं रहता, तो इसके लिए पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

सत्र को शांतिपूर्वक चलाने की अपील की

सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने उम्मीद जताई कि शीतकालीन सत्र में सभी दल शांतिपूर्वक काम करेंगे और कोई व्यवधान नहीं आएगा। रिजिजू ने कहा, “संसद में बहस होगी और हम आशा करते हैं कि यह पूरी तरह से शांतिपूर्वक होगी। यदि हम शांत मन से काम करेंगे, तो यह देश के लिए फायदेमंद होगा और संसद का सत्र सुचारू रूप से चलेगा।” उन्होंने कहा कि यह समय गरमागरम बहस से बचने का है ताकि सत्र में कामकाजी माहौल बने।

संसद में उठने वाले प्रमुख मुद्दे

केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में असैन्य परमाणु क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने के संबंध में विधेयक लाने का विचार कर रही है। वहीं विपक्षी दलों ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के संशोधन का मुद्दा उठाने की तैयारी की है। इसके अलावा, विपक्ष ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर नई प्राथमिकी, दिल्ली प्रदूषण, दिल्ली आतंकी हमले और वोट चोरी जैसे मुद्दों पर संसद में चर्चा करने का संकेत दिया है।

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शीतकालीन सत्र और बिहार विधानसभा चुनाव

संसद का यह शीतकालीन सत्र बिहार विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की भारी जीत के बाद आयोजित हो रहा है। इस सत्र के दौरान केंद्र सरकार की नीतियों और विपक्ष के आरोपों के बीच कटु बहस की संभावना है। विपक्ष के नेताओं का मानना है कि शीतकालीन सत्र में सरकार के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा तैयार करना जरूरी है।

संसद में हंगामे की संभावना बढ़ी

शीतकालीन सत्र के दौरान कई मुद्दों पर हंगामा छिड़ने की संभावना है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमला बोलने के लिए तैयार हैं। इसमें प्रमुख मुद्दे राष्ट्रीय सुरक्षा, वायु प्रदूषण, लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा, और हाल के चुनावों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, मतदाता सूची के संशोधन और कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर भी गंभीर बहस हो सकती है।

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  • New Delhi

Published : 
  • 30 November 2025, 1:35 PM IST