राष्ट्रपति ने राज्यसभा भेजे 4 दिग्गज चेहरे, जानें मनोनीत सांसदों को कितनी मिलती है पावर और सैलरी

देश की राजनीति में एक बार फिर से नई ऊर्जा का संचार हुआ है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार विशिष्ट व्यक्तियों को मनोनीत किया है, जिनका संबंध न्याय, शिक्षा, कूटनीति और सामाजिक सेवा जैसे विविध और प्रतिष्ठित क्षेत्रों से है। यह नामांकन न केवल उनके जीवनभर के योगदान का सम्मान है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत विविध विशेषज्ञताओं को संसदीय मंच पर स्थान देता है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 13 July 2025, 1:58 PM IST
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New Delhi: देश की राजनीति में एक बार फिर से नई ऊर्जा का संचार हुआ है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार विशिष्ट व्यक्तियों को मनोनीत किया है, जिनका संबंध न्याय, शिक्षा, कूटनीति और सामाजिक सेवा जैसे विविध और प्रतिष्ठित क्षेत्रों से है। यह नामांकन न केवल उनके जीवनभर के योगदान का सम्मान है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत विविध विशेषज्ञताओं को संसदीय मंच पर स्थान देता है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,   इस बार जिन चार प्रमुख व्यक्तियों को मनोनीत किया गया है, उनमें 26/11 मुंबई हमलों जैसे कई जघन्य मामलों में सरकारी वकील रहे उज्ज्वल निकम, जानी-मानी इतिहासकार और शिक्षाविद् मीनाक्षी जैन, केरल के सामाजिक कार्यकर्ता सी सदानंदन मास्टर और पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रंगला शामिल हैं। ये नियुक्तियाँ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80(1)(a) और 80(3) के तहत हुई हैं, जिसमें राष्ट्रपति को विशेष अधिकार होते हैं।

कौन होते हैं मनोनीत सदस्य?

राज्यसभा में कुल 12 सदस्य ऐसे होते हैं जिन्हें जनता नहीं चुनती, बल्कि राष्ट्रपति उन्हें नामित करते हैं। ये वे लोग होते हैं जो साहित्य, विज्ञान, कला या समाज सेवा जैसे क्षेत्रों में असाधारण योगदान दे चुके होते हैं। सदन की सदस्यता लेने के छह महीने के भीतर ये किसी राजनीतिक दल से जुड़ सकते हैं, अन्यथा ये स्वतंत्र सदस्य माने जाते हैं।

इनके अधिकार क्या हैं?

मनोनीत सदस्यों को सामान्य सांसदों की तरह ही सभी विधायी अधिकार प्राप्त होते हैं। वे चर्चा में भाग ले सकते हैं, प्रस्ताव रख सकते हैं और वोटिंग में शामिल हो सकते हैं। अनुच्छेद 249 के तहत वे राज्य सूची के किसी विषय को ‘राष्ट्रीय महत्व’ घोषित कर सकते हैं। अनुच्छेद 312 के अनुसार, वे केंद्र सरकार को नई अखिल भारतीय सेवाएं शुरू करने का प्रस्ताव भी पारित कर सकते हैं।

वेतन और सुविधाएं जानकर चौंक जाएंगे

मनोनीत राज्यसभा सदस्यों को वही वेतन, भत्ते और सुविधाएं मिलती हैं जो किसी चुने हुए सांसद को मिलती हैं।

मासिक वेतन: ₹1.24 लाख

निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, कार्यालय व्यय भत्ता, दैनिक भत्ता आदि

आवास, बिजली-पानी, टेलीफोन और चिकित्सा सुविधा मुफ्त

एयर और रेल यात्रा का खर्च सरकार देती है

रिटायरमेंट के बाद पेंशन ₹25,000 प्रतिमाह, 5 साल से अधिक सेवा पर अतिरिक्त ₹2,000 प्रतिवर्ष

इन सदस्यों को संसद की कार्यवाही में भाग लेने के साथ-साथ देश के नीति निर्माण में अहम भूमिका निभाने का अवसर मिलता है। यह अवसर उन्हें जनता से प्रत्यक्ष चुने बिना मिलता है, जो इस व्यवस्था को विशिष्ट बनाता है।

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