गुरु पूर्णिमा पर दिल्ली में बोले सिद्द्गुरूवर सिद्धेश्वर ब्रह्मऋषि गुरुदेव- खूब संपन्न बनिये, मानवता के कल्याण में काम करिए

देश की राजधानी दिल्ली में गुरु पूर्णिमा महोत्सव पर तिरुपति से पधारे सिद्द्गुरूवर सिद्धेश्वर ब्रह्मऋषि गुरुदेव ने भक्तों को अपना आशीर्वाद दिया और संपन्नता को मानव कल्याण के उपयोग में लाने की शिक्षा दी।

Post Published By: Deepika Tiwari
Updated : 13 July 2025, 1:23 PM IST
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New Delhi: गुरु पूर्णिमा के पावन उपलक्ष्य में शनिवार को तिरुपति से पधारे सिद्धगुरुवर सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव के दिव्य सानिध्य में महामहोत्सव का आयोजन किया गया। इस खास असवर पर सिद्धगुरुवर सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव ने बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को दिव्य दर्शन और आशीर्वाद दिया।

इस मौके पर ब्रह्मर्षि गुरुदेव ने श्रद्धालुओं को उनके जीवन में गुरू के महत्व को समझाया और धर्म, आध्यात्म, जीवनशैली, नैतिकता के बारे में विस्तार से बताते हुए सभी को धर्म के मार्ग पर चलने और मानव कल्याण के काम आने की प्रेरणा दी।

विश्व धर्म चेतना मंच की ओर से राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरूआत गुरू के रूप में सिद्धगुरुवर सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव की चरण वंदना के साथ हुई और उसके बाद पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा।

प्रेरणादायक प्रवचन देते सिद्द्गुरूवर सिद्धेश्वर ब्रह्मऋषि गुरुदेव

प्रेरणादायक प्रवचन देते सिद्द्गुरूवर सिद्धेश्वर ब्रह्मऋषि गुरुदेव

अपने प्रवचन में सिद्धगुरुवर सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव ने कहा कि प्रेम में धोखा हो सकता है लेकिन प्रेम से बड़ी चीज श्रद्धा, आस्था और धर्म है। प्रेम और हमारे रिश्ते शर्त पर चलते हैं। लेकिन फिर भी प्रेम से भागने की आवश्यकता नहीं बल्कि प्रेम में जागने की आवश्यकता है। श्रद्धा, आस्था और धर्म सभी शर्तों से ऊपर है, जिसे हर किसी को अपनाना चाहिए।

उन्होंने कहा की कुछ लोग जीवन में व्यापार छोड़कर धर्म की ओर मुड़ते है लेकिन जब वो लोग धर्म के चरम पर पहुंच जाते हैं तो उसको व्यापार बना लेते हैं। एक भद्र व्यक्ति के पास जब धन, यश, पद, शक्ति, प्रतिष्ठा और नैतिकता सबकुछ होता है तो वह मानवता की भलाई के लिये काम आना चाहिये। अगर ये सभी चीजें किसी बुरे व्यक्ति के पास होगी तो वो बुराई के ही काम आयेगी। उन्होंने दुनिया के कई हस्तियों के उदाहरण देते हुए कहा कि उनका धन, यश, प्रतिष्ठा और पद हमेशा मानवता के कल्याण में काम आया। लेकिन संसार में कई अमानुष और अत्याचारियों का धन और बल मानवता के विनाश का कारण बना।

सिद्द्गुरूवर सिद्धेश्वर ब्रह्मऋषि गुरुदेव के सानिध्य में महामहोत्सव का आयोजन

सिद्द्गुरूवर सिद्धेश्वर ब्रह्मऋषि गुरुदेव के सानिध्य में महामहोत्सव का आयोजन

उन्होंने भक्तों का आह्वान करते हुए कहा कि आप सभी की जिम्मेदारी है कि आप धनवान, बलवान, संपन्न और सामर्थ्यवान बनकर मानव जाति के कल्याण में काम आएं। यही आपकी नौतिक जिम्मेदारी है, जिससे आप भाग नहीं सकते। गुरूदेव ने आगे कहा कि इसलिये अपनी जिम्मेदारियों से भागो नहीं, बल्कि जागो।

उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसी कोई किताब नहीं है, जो जीवन में फैसले लेना सिखाती हो। डिसिजन लेने की क्षमता अनुभव और नैतिक ज्ञान से मिलती है। कई बार डिसिजन गलत होते हैं। लेकिन सही समय पर लिया गये डिसिजन के सही होने की सबसे अधिक संभावना होती है। उन्होंने कहा कि भले ही आप गुरू को महत्व दो या न दो, लेकिन जीवन में जो महत्वपूर्ण हैं उसको महत्व देना ही सही डिसिजन है। जीवन में महत्वपूर्ण चीजों को जरूर लिखिये। अक्षर ही ब्रह्म है, वो अमिट है। कई आये और गये लेकिन अज्ञर हमेशा यहीं रहे।

महामहोत्सव में भारी संख्या में शामिल हुए देश-विदेश से आये भक्त

महामहोत्सव में भारी संख्या में शामिल हुए देश-विदेश से आये भक्त

सिद्धगुरुवर सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव ने अपने प्रवचन के अंत में कहा कि “गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर और महामहोत्सव पर मैंने वर्षों में जो अपनी तपस्या, व्रत, तप, त्याग से जो भी पुण्य प्राप्त किया, वो पुण्य में आज आप सबको देता हूं और आपके जीवन के जो भी कष्ट व समस्याएं हैं, वो सब मैं आपसे अपनी झोली में मांगता हूं।

सिद्धगुरुवर सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव के दिव्य सानिध्य में आयोजित इस महामहोत्सव में केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद, डा. हर्षवर्धन, सांसद मनोज तिवारी, क्रिकेटर वीरेन्द्र सहवाग, ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज विजेंद्र सिंह, कई दिग्गज राजनेता समेत देश-विदेश से बड़ी संख्या में आये वीआईपी, नौकरशाह, गणमान्य व्यक्ति और श्रद्धालु शामिल रहे।

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