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संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरु हो गया है। लोकसभा में कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने एसआईआर के मद्दे पर सरकार को जमकर घेरा। लगातार हंगामे के चलते सभापति ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई। दरअसल विपक्ष एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा पर अड़ा है।
संसद की कार्यवाही मंगलवार 11 बजे तक स्थगित
New Delhi: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार से हो गई है। कार्यवाही शुरू होते ही सबसे पहले दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि दी गई। संसद की कार्यवाही शुरु होते ही लोकसभा में विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के चलते सभापति ओम बिरला को कई बार ने सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई। दरअसल विपक्ष एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा पर अड़ा है। लोकसभी में हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 'मणिपुर गुड्स एंड सर्विस टैक्स' (दूसरा संशोधन) विधेयक सदन में पेश किया।
विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच मणिपुर जीएसटी (दूसरा संशोधन) विधेयक पारित हो गया है। हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस विधेयक पर अपनी बात रखी और इसके बाद यह विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया।
शीतकालीन सत्र में एटॉमिक एनर्जी समेत 10 नए विधेयक संसद में पेश किए जा सकते हैं। शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा। 19 दिनों में संसद की 15 बैठकें होनी हैं। यह 18वीं लोकसभा का छठा सत्र है।
मोदी सरकार इस सत्र में 10 बिल पेश करने जा रही है। विपक्ष भी कई अहम मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। इसके अलावा वोट चोरी, दिल्ली धमाका जैसे मामलों पर भी गहन चर्चा होने की संभावना है। प्रधानमंत्री मोदी ने सत्र शुरू होने से पहले ही स्पष्ट कर दिया कि विपक्ष को हार और पराजय की राजनीति से बाहर निकलकर देश के विकास में योगदान देना चाहिए और सदन में सार्थक चर्चा होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘ड्रामा’ वाली टिप्पणी पर कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि जब भी आप कोई बयान दे रहे हों, तो कम से कम यह तो सोचिए कि आप लोग क्या कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नारे लगाने की बात कर रहे हैं। इसकी शुरुआत भाजपा ने की थी जब उन्होंने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए थे।
लोकसभा के पहले दिन से ही हंगामेदार माहौल बना हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष से संसद के सत्र को सुचारू रूप से चलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि अब ड्रामा नहीं बल्कि डिलिवरी पर फोकस करना चाहिए। इसपर अखिलेश यादव ने पलटवार किया।