संसद में हंगामा: विपक्षी दलों ने की तख्तियां दिखाकर किया विरोध, जानें स्थगन के बाद क्या करते हैं सांसद

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में विपक्ष ने हंगामा किया और एसआईआर व आंतरिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की। कार्यवाही स्थगित होने के बाद सांसदों ने अपनी-अपनी समितियों में हिस्सा लिया और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम दिया।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 1 December 2025, 2:11 PM IST
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New Delhi: आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है, जो 19 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र के दौरान दोनों सदनों में कुल 15-15 बैठकें होंगी। यह सत्र कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा का गवाह बनेगा। विपक्षी दलों ने पहले से ही अपनी मांगों को उठाया है, जिसमें एसआईआर, आंतरिक सुरक्षा और लेबर कोड पर चर्चा की मांग की जा रही है। वहीं, वंदे मातरम् पर चर्चा की सरकार की इच्छा भी प्रमुख मुद्दों में शामिल है। सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही और लोकसभा व राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ।

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत

राज्यसभा के सत्र की शुरुआत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में पहुंचने पर कहा कि "शीतकालीन सत्र का आज शुभारंभ हो रहा है और आपका स्वागत करना हम सभी सदस्यों के लिए गर्व का विषय है।" उनका यह बयान सत्र की शुरुआत में सदन की कार्यवाही को शांति से शुरू करने का संकेत था, लेकिन यह केवल क्षणिक था। जल्दी ही विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया।

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विपक्षी दलों का हंगामा

लोकसभा के प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी दलों ने तख्तियां लेकर हंगामा किया। उनका मुख्य मुद्दा था, एसआईआर, आंतरिक सुरक्षा, और लेबर कोड पर चर्चा। विपक्षी नेता तख्तियां लेकर बीच सदन में पहुंच गए, जिससे कार्यवाही में खलल पड़ा। स्पीकर ओम बिरला ने इस पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि "इस प्रकार से सदन की कार्यवाही रोकना ठीक नहीं है।" उन्होंने तख्तियां लाकर प्रदर्शन करने को गलत तरीका बताया और कहा कि सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

सदन की स्थगन के बाद सांसदों का क्या काम होता है?

जब सदन की कार्यवाही स्थगित होती है, तो कुछ लोग यह सोचते हैं कि सांसद काम नहीं करते। लेकिन असल में सांसदों के पास ढेर सारे काम होते हैं। पूर्व सांसद अली अनवर बताते हैं कि कार्यवाही के स्थगित होने के बावजूद, सांसद अपने-अपने स्थायी समितियों (Standing Committees) या प्रवर समितियों (Select/Ad-hoc Committees) की बैठकों में शामिल होते हैं। इन समितियों में देश की नीतियों, बिलों और बड़ी समस्याओं पर चर्चा की जाती है।

1) संसदीय समितियों की बैठकें

सांसदों का एक महत्वपूर्ण काम संसदीय समितियों की बैठकों में भाग लेना होता है। इन समितियों में देश के विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होती है। सांसद इन बैठकों में नीतियों, विधेयकों और अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर विचार करते हैं। यह समय उनके लिए कानूनों और बिलों की जांच और संशोधन का होता है।

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2) संसद भवन के चेंबर/लाइब्रेरी में अध्यय

कुछ सांसद इस दौरान संसद भवन के चेंबर, लाइब्रेरी और रिसर्च रूम में जाकर पढ़ाई और रिसर्च करते हैं। वे अपने क्षेत्रों, मुद्दों, और आगामी बहसों पर नोट्स तैयार करते हैं। इससे वे बेहतर तरीके से बहस में भाग ले सकते हैं और अपने मुद्दों को मजबूती से उठा सकते हैं।

3) संबंधित मंत्रालयों से मुलाकात

सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं को हल करने के लिए मंत्रालयों के अधिकारियों से मुलाकात करते हैं। वे बिजली, पानी, सड़कों, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि मुद्दों पर चर्चा करते हैं और उन्हें हल करने के लिए अधिकारियों से जरूरी कदम उठाने की मांग करते हैं।

4) पार्टी और विपक्ष के नेताओं के साथ रणनीति बैठकें

संसद की कार्यवाही के स्थगन के बाद सांसद अपनी पार्टी के नेताओं या विपक्ष के नेताओं से मिलकर रणनीति बैठकें करते हैं। वे आगामी बहसों की तैयारी करते हैं और तय करते हैं कि किस मुद्दे पर कैसे प्रतिक्रिया देनी है। यह राजनीति की पीछे की रणनीति होती है, जो आगे के फैसलों को प्रभावित करती है।

5) अपने क्षेत्र के लोगों से मिलना और समस्याएं सुनना

कुछ सांसद इस दौरान अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से मिलते हैं। वे उनकी समस्याओं को सुनते हैं और उन्हें हल करने की कोशिश करते हैं। यह उन्हें अपने क्षेत्र के मुद्दों को सही तरीके से समझने में मदद करता है और चुनावी समय में उन्हें जनता के साथ जुड़ने का मौका भी मिलता है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 1 December 2025, 2:11 PM IST