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संविधान दिवस के मौके पर आज संसद भवन परिसर के एतिहासिक सेंट्रल हॉल में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम सुबह 11:00 बजे शुरू होगा, जिसमें देश के शीर्ष संवैधानिक पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। समारोह की अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म करेंगी।
संविधान दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मू करेंगी अध्यक्षता
New Delhi: संविधान दिवस 2025 के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय समारोह आज बुधवार, 26 नवंबर, 2025 को सुबह 11 बजे संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित किया जाएगा। यह मौका भारत द्वारा संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक परंपराओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि का प्रतीक है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस समारोह की अध्यक्षता करेंगी।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री और दोनों सदनों के सांसद शामिल होंगे। इस कार्यक्रम के दौरान, लोकसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति सभा को संबोधित करेंगे, जिसके बाद राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा।
कार्यक्रम के दौरान सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति सभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद राष्ट्रपति अपना संबोधन देंगी। इस मौके पर भारत के संविधान की नौ भाषाओं— मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओड़िया और असमिया—में तैयार संस्करणों का लोकार्पण किया जाएगा। साथ ही संस्कृति मंत्रालय द्वारा तैयार स्मरणिका 'भारत की संविधान से कला और कैलीग्राफी' (हिंदी संस्करण) का भी विमोचन होगा। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रपति संविधान की प्रस्तावना का वाचन करेंगी, जिसके साथ समारोह संपन्न होगा।
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संविधान को स्वीकार किए जाने के उपलक्ष्य में साल 2015 से हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। 26 नवंबर, 1949 को संविधान को मंजूरी दी गई थी. संविधान के कुछ प्रावधान तुरंत लागू हो गए थे तथा शेष प्रावधान 26 जनवरी 1950 को भारत के गणतंत्र बनने पर लागू हुए थे। संसदीय कार्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि संविधान दिवस मनाने के लिए ‘राष्ट्रीय समारोह' पुराने संसद भवन के संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित किया जाएगा।
देशभर में, सभी केंद्रीय मंत्रालय/विभाग, उनके अधीनस्थ और संबद्ध कार्यालय, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारें और स्थानीय निकाय इस अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित करेंगे। आम नागरिक कई माध्यमों से इसमें भाग लेंगे।
इस प्रकार, संविधान दिवस, 2025 को देश के हर कोने में और विश्व में रहने वाले भारतीयों द्वारा संवैधानिक मूल्यों के राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जाएगा।