संसद का मानसून सत्र शुरू: विपक्ष के हंगामे के बीच स्पीकर बोले- “आपको जनता ने नारेबाजी के लिए नहीं भेजा”

संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया, लेकिन पहले ही दिन विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहला सत्र है, जिस कारण इसे बेहद अहम माना जा रहा है। विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर और बिहार वोटर लिस्ट की समीक्षा पर चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 21 July 2025, 11:42 AM IST
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New Delhi: संसद का मॉनसून सत्र आज (सोमवार) से आरंभ हो गया है, लेकिन पहले ही दिन से सदन की कार्यवाही में टकराव के स्पष्ट संकेत मिल गए। पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह संसद का पहला सत्र है, जिस कारण इसे विशेष रूप से अहम माना जा रहा है। वहीं, विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है, जिससे सत्र के दौरान लगातार हंगामे के आसार भी बन गए हैं। विपक्ष के निरंतर हंगामे के चलते स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

राज्यसभा में नॉमिनेटेड सदस्यों ने ली शपथ

राज्यसभा की कार्यवाही की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए गए तीन सदस्यों को शपथ दिलाकर हुई। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने डॉ. मीनाक्षी जैन, सी. सदानंद मास्टर और हर्षवर्धन श्रृंगला को उच्च सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही सत्र का औपचारिक आगाज़ हो गया।

लोकसभा में प्रश्नकाल शुरू होते ही हंगामा

लोकसभा में जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, विपक्षी दलों के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। उनकी दो प्रमुख मांगें थीं। जिसमें पहली "ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा" और दूसरी "बिहार में वोटर लिस्ट के गहन पुनरीक्षण पर जवाब" है। विपक्ष का कहना है कि इन मुद्दों पर पारदर्शिता की ज़रूरत है और सरकार जवाब देने से बच रही है।

स्पीकर ओम बिड़ला की सख्त टिप्पणी

हंगामे को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने विपक्षी सांसदों को फटकार लगाते हुए कहा आप जिन विषयों पर चर्चा चाहते हैं, उन सभी पर नियमों के अनुसार चर्चा होगी। सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है।” उन्होंने यह भी कहा, “आपको जनता ने यहां नारेबाजी करने के लिए नहीं भेजा है। कृपया अपनी-अपनी सीटों पर जाइए और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को चलने दीजिए।

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