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राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए मनरेगा बिल को ग्रामीण विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि यह बिल महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान है और ग्रामीण गरीबों के रोजगार को खतरे में डालता है। कांग्रेस बिल के खिलाफ गांव और संसद स्तर पर विरोध करने का संकल्प लेगी।
राहुल गांधी ने पीएम पर साधा निशाना
New Delhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी को दो चीजों से गहरी नफ़रत है। महात्मा गांधी के विचारों और गरीबों के अधिकारों से। उन्होंने कहा कि मनरेगा, महात्मा गांधी के ग्राम-स्वराज के सपने का जीवंत रूप है और करोड़ों ग्रामीणों की जिंदगी का सहारा बन चुका है।
राहुल गांधी ने बताया कि कोविड काल में मनरेगा ने ग्रामीणों को आर्थिक सुरक्षा का कवच दिया। यह योजना उन गरीब और मजदूर परिवारों के लिए जीवनदायिनी साबित हुई, जिनके पास कोई और सहारा नहीं था। उन्होंने कहा कि मनरेगा की वजह से ग्रामीणों को रोजगार का अधिकार मिला और उनके गांव की प्रगति के लिए स्थानीय निर्णय लेने की स्वतंत्रता सुनिश्चित हुई।
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राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पिछले दस सालों से प्रधानमंत्री मोदी इस योजना को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। अब नया मनरेगा बिल उनकी नीयत को दर्शाता है। उनका कहना है कि सरकार अब इस योजना का नाम और सार बदलकर सारी ताकत केंद्र में केंद्रीकृत करना चाहती है।
1. रोजगार का अधिकार- जो भी काम मांगेगा, उसे मिलेगा।
2. गांव की स्वतंत्रता- गांव के प्रगति कार्य स्वयं तय करेंगे।
3. केंद्र का वित्तीय योगदान- मजदूरी का पूरा खर्च और समान लागत का 75% केंद्र उठाएगा।
राहुल गांधी ने बताया कि नए बिल के तहत बजट, योजनाएं और नियम केवल केंद्र तय करेगा। राज्यों को 40% खर्च उठाने के लिए मजबूर किया जाएगा। बजट खत्म होने या फसल कटाई के मौसम में दो महीने तक किसी को काम नहीं मिलेगा। उनका कहना है कि यह बिल ग्रामीण गरीबों की सुरक्षित रोज़ी-रोटी को खतरे में डालता है और महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान है।
मोदी जी को दो चीज़ों से पक्की नफ़रत है - महात्मा गांधी के विचारों से और गरीबों के अधिकारों से।
मनरेगा, महात्मा गांधी के ग्राम-स्वराज के सपने का जीवंत रूप है - करोड़ों ग्रामीणों की ज़िंदगी का सहारा है, जो कोविड काल में उनका आर्थिक सुरक्षा कवच भी साबित हुआ।
मगर, प्रधानमंत्री मोदी…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 16, 2025
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पहले ही युवाओं की रोजगार संभावनाओं को बाधित किया है, और अब यह बिल ग्रामीण गरीबों के रोजगार और आजीविका को खतरे में डाल रहा है। उन्होंने कहा कि यह बिल जनविरोधी है और इसे मंजूर नहीं किया जा सकता। राहुल गांधी ने घोषणा की कि कांग्रेस पार्टी इस बिल का गांव की गलियों से लेकर संसद तक विरोध करेगी। उनका कहना है कि ग्रामीण और मजदूर अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर और संसद में आवाज उठाएंगे।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि नए बिल में राज्यों की भूमिका कमजोर की जा रही है। राज्यों को अब बजट के 40% हिस्से का बोझ उठाना होगा, जबकि योजना का मूल उद्देश्य था कि केंद्र अधिकतर वित्तीय भार उठाए। इससे राज्य सरकारों की अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा।
राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा महात्मा गांधी के ग्राम-स्वराज के सपनों का प्रतीक है। इसके जरिए ग्रामीणों को आर्थिक स्वतंत्रता और गरिमा मिली। नया बिल इस आदर्श को पूरी तरह नकारता है और केंद्र का पूर्ण नियंत्रण स्थापित करता है।
राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा ग्रामीण गरीबों को रोजगार, आजीविका और जीवन सुरक्षा देती है। अगर यह बिल पास हो गया तो केंद्र का नियंत्रण बढ़ेगा और ग्रामीणों के अधिकार कमजोर होंगे। उन्होंने सरकार से अपील की कि बिल को तुरंत वापस लिया जाए और किसानों, मजदूरों और गरीबों के हितों की रक्षा की जाए।