

देशभर में विजयदशमी का उत्सव धूमधाम से मनाया गया। कई जगहों पर रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए गए, तो कुछ स्थानों पर बारिश के कारण कार्यक्रम प्रभावित हुए। जम्मू-कश्मीर से लेकर कर्नाटक तक, हरियाली और उत्साह के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया गया।
देशभर में हुआ रावण दहन
New Delhi: देशभर में गुरुवार को विजयदशमी यानी दशहरा बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस दिन भगवान राम द्वारा रावण का संहार करने और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। अलग-अलग राज्यों में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया गया। हालांकि, कुछ इलाकों में बारिश ने रावण दहन समारोह में बाधा डाली, लेकिन उत्साह में कोई कमी नहीं आई।
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर के स्पोर्ट्स स्टेडियम में विजयदशमी का उत्सव बड़े जोश और श्रद्धा के साथ मनाया गया। हजारों लोगों ने इस पावन अवसर पर हिस्सा लिया। यहां रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए गए। श्रीनगर में भी बड़े पैमाने पर रावण दहन किया गया। पंजाब के लुधियाना में भी रावण का पुतला जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लालकिले में आयोजित दशहरा समारोह में भाग लिया। उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों का ऑपरेशन सिंधूर आतंकवाद के रावण पर विजय का प्रतीक है। उनका कहना था कि दशहरा हमेशा अच्छाई की बुराई पर, विनम्रता की अहंकार पर और प्रेम की घृणा पर जीत का संदेश देता है।
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उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भी विजयदशमी हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। वाराणसी में विशाल पुतलों को जलाकर इस पर्व का आयोजन किया गया। रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले इस अवसर की शोभा बढ़ा रहे थे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित दशहरा महोत्सव में हिस्सा लिया। उन्होंने रावण दहन के कार्यक्रम में भाग लेकर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया। इस मौके पर उन्होंने सभी को दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
विजयदशमी पर रावण दहन
शिमला के प्रसिद्ध जाखू मंदिर परिसर में भी दशहरा उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की और रावण, मेघनाद तथा कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया। रामलीला मंडली ने राम-रावण युद्ध का मनोहर मंचन प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों का मन मोह लिया।
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पटना के गांधी मैदान में गुरुवार शाम भारी बारिश के बीच रावण दहन समारोह हुआ। 80 फीट ऊंचे रावण, 75 फीट के मेघनाद और 70 फीट के कुंभकर्ण के पुतले बड़े भव्य रूप से बनाए गए थे। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा सहित कई मंत्री और गणमान्य लोग इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। बारिश के कारण पुतलों को कुछ क्षति हुई, लेकिन तकनीकी सुधार के बाद कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भगवान राम और लक्ष्मण की आरती करते हुए तीनों पुतलों का दहन किया। समारोह में आतिशबाजी हुई और "जय श्रीराम" के जयघोष से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।
कर्नाटक के मैसुरु दशहरा कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने ‘नंदी ध्वज’ की पूजा कर शोभायात्रा की शुरुआत की। यह उनका आठवां मैसुरु दशहरा है। उन्होंने जनता के आशीर्वाद के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि यह त्योहार हमेशा बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है।
दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसे केवल रावण दहन तक सीमित नहीं समझा जाना चाहिए, बल्कि यह असत्य पर सत्य, अहंकार पर विनम्रता और घृणा पर प्रेम की जीत का पर्व है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा भी की जाती है, जो नकारात्मक शक्तियों का संहार करती हैं। देशभर में रामलीला के मंचन के जरिए भगवान राम के आदर्शों को जीवंत किया जाता है।