

सोनभद्र के रेनूकूट में दशहरा उत्सव के दौरान रावण दहन के समय बड़ा हादसा हो गया। पुतले से निकली चिंगारी भीड़ में गिरने से छह लोग झुलस गए। स्थानीय लोगों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।
रामलीला मैदान में आतिशबाजी से मचा कोहराम
Sonbhadra: दशहरे के पर्व पर रावण दहन के कार्यक्रम के दौरान एक बड़ी लापरवाही हादसे में तब्दील हो गई। पिपरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत हिंडाल्को रामलीला मैदान में गुरुवार रात आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में पुतले से निकली आतिशबाजी की चिंगारी सीधे भीड़ पर जा गिरी, जिससे करीब छह लोग गंभीर रूप से झुलस गए। घायलों में दो बच्चे भी शामिल हैं। सभी को स्थानीय लोगों की मदद से हिंडाल्को परियोजना अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका उपचार जारी है।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हिंडाल्को कंपनी के रामलीला मैदान में रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के समापन पर जैसे ही रावण के पुतले में आग लगाई गई, वैसे ही उसमें लगी आतिशबाजियों ने अनियंत्रित रूप ले लिया। चिंगारियां और पटाखों की आग आकाश में जाने की बजाय सीधे दर्शकों की भीड़ पर जा गिरी। हादसे के बाद अफरा-तफरी मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे।
घायलों की पहचान
हादसे में झुलसे लोगों में विनय गुप्ता (38 वर्ष), निवासी रेनूकूट का बायां कंधा बुरी तरह झुलस गया है। वहीं हिंडाल्को के न्यू कोल्ड ईस्ट प्लांट में कार्यरत विनोद कुमार पांडे (35 वर्ष) के कंधे के पीछे गंभीर रूप से जलने के निशान हैं। पद्मिनी होटल, रेनूकूट के निवासी जयचंद (37 वर्ष) के बाएं पैर में जलने की चोट आई है। चुन्नी देवी, निवासी रेनूकूट सोनभद्र के दाहिने पैर में जलने की सूचना है। इसके अलावा दो बच्चों को भी मामूली चोटें आई हैं जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
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स्थानीय लोगों ने आयोजन समिति और हिंडाल्को प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि रावण दहन जैसे बड़े सार्वजनिक आयोजन में किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई थी। ना तो फायर ब्रिगेड की उपस्थिति थी और ना ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई प्रभावी बैरिकेडिंग की गई थी।
रेनूकूट रावण दहन हादसा
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि घायल लोग अपनी जान बचाकर खुद ही किसी तरह अस्पताल पहुंचे। ना तो पुलिस और ना ही आयोजन समिति की ओर से उन्हें तत्काल मदद उपलब्ध कराई गई।
पिपरी थानाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार राय ने इस घटना को मामूली करार देते हुए कहा कि सभी घायल सुरक्षित हैं और उन्हें अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया है। उन्होंने कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है, लेकिन आगे ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए सावधानी बरती जाएगी।
इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों में रोष है। उन्होंने मांग की है कि रावण दहन कार्यक्रम की आयोजन समिति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और भविष्य में ऐसे आयोजनों के दौरान पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए जाएं ताकि आमजन की जान खतरे में न पड़े।
हर साल होने वाले इस कार्यक्रम में इस बार की चूक ने आयोजन समिति की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग शामिल होते हैं, ऐसे में यदि यह हादसा और बड़ा हो जाता तो स्थिति भयावह हो सकती थी। फिलहाल सभी घायलों का इलाज हिंडाल्को अस्पताल में चल रहा है और स्थिति सामान्य बताई जा रही है।