

इस बार दशहरा पर सोनभद्र जिले में रावण दहन भव्य रूप लेने जा रहा है। रेणुकूट में जिले का सबसे ऊंचा 90 फीट रावण और चोपन में घूमते सिर वाला हाईटेक रावण रहेगा मुख्य आकर्षण। जिले के 95 स्थानों पर रावण दहन की तैयारियां जोरों पर हैं, जहां हजारों की भीड़ जुटेगी।
घूमते सिर वाला रावण
Sonbhadra: दशहरा के पर्व पर इस बार सोनभद्र जिले में रावण दहन का कार्यक्रम बेहद खास होने जा रहा है। जिले के रेणुकूट में इस बार 90 फीट ऊंचे रावण का पुतला जलाया जाएगा, जो अब तक का सबसे ऊंचा रावण पुतला होगा। इससे पहले पिछले वर्ष यहां 80 फीट ऊंचा पुतला बनाया गया था। हर वर्ष की तरह इस बार भी रेणुकूट के पुतले ने जिले में सबसे ऊंचे रावण का रिकॉर्ड कायम किया है।
रेणुकूट की मेला समिति इस बार के आयोजन को और भी भव्य बनाने में जुटी हुई है। पुतले के निर्माण में स्थानीय कारीगरों की महीनों की मेहनत लगी है। मुख्य कारीगर प्रमोद विश्वकर्मा ने बताया कि इस रावण को बनाने में लकड़ी, बांस, कपड़ा, पटाखे और आधुनिक सजावटी लाइटों का इस्तेमाल किया गया है। यह पुतला न केवल ऊंचाई में भव्य है, बल्कि इसका निर्माण पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल सामग्री से किया गया है।
#Sonbhadra: रेणुकूट में गगनचुंबी रावण, चोपन में घूमते सिर वाला दानव - इस बार दशहरे पर होगी धमाकेदार टक्कर#Sonbhadra #Dussehra2025 #RavanaDahan #Dussehra pic.twitter.com/SYxB5AJkFM
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) October 2, 2025
वहीं, जिले के चोपन नगर में भी रावण दहन कार्यक्रम विशेष आकर्षण का केंद्र बनने जा रहा है। यहां 10 सिर वाला रावण बनाया गया है, जिसकी खास बात यह है कि उसके सभी सिर लाइट से सुसज्जित हैं और चारों दिशाओं में घूम सकते हैं। इस तकनीकी चमत्कार ने लोगों की उत्सुकता और बढ़ा दी है। आयोजकों के अनुसार, इस बार चोपन में रावण का पुतला आधुनिक तकनीक और पारंपरिक शिल्पकला का अनूठा संगम होगा।
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चोपन की मेला समिति के सदस्यों ने बताया कि इस रावण को बनाने में तीन महीने से अधिक समय लगा है। इसके सिर में विशेष प्रकार के रोटेटिंग मोटर और सेंसर लगाए गए हैं, जिससे यह चारों दिशाओं में घूम सकते हैं। रात के समय जब यह पुतला रोशनी से नहाएगा, तब इसकी चमक और भी अधिक लोगों को आकर्षित करेगी।
हाईटेक रावण रहेगा मुख्य आकर्षण
दशहरा के मौके पर जिले भर में भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। स्थानीय प्रशासन और मेला समितियों द्वारा सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। पुलिस बल, फायर ब्रिगेड, मेडिकल टीम और वालंटियर्स की टीमें तैनात रहेंगी, ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो।
सोनभद्र जिले में इस वर्ष कुल 95 स्थानों पर रावण दहन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को शामिल किया गया है। नगर क्षेत्र में प्रमुख स्थानों पर जैसे रेणुकूट, चोपन, ओबरा, दुद्धी, रॉबर्ट्सगंज में भव्य आयोजनों की तैयारी की जा रही है।
रेणुकूट और चोपन के अलावा ओबरा में भी 60 फीट ऊंचे रावण के पुतले का निर्माण किया गया है। यहां की मेला समिति द्वारा पारंपरिक रामलीला के बाद रावण दहन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। दुद्धी और रॉबर्ट्सगंज में भी भव्य झांकियां निकाली जाएंगी, जिसमें भगवान राम, लक्ष्मण, हनुमान और रावण से जुड़ी विभिन्न लीलाओं का मंचन होगा।
दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर रावण दहन को प्रतीकात्मक रूप से अहंकार, अत्याचार और पाप के अंत के रूप में देखा जाता है। इस परंपरा को जीवंत बनाए रखने के लिए जिले भर में मेला समितियां, स्थानीय प्रशासन और समाजसेवी संस्थाएं मिलकर कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटी हैं।
मुख्य कारीगर प्रमोद विश्वकर्मा ने बताया कि 'रावण का पुतला बनाना केवल एक तकनीकी कार्य नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति और परंपरा से जुड़ा एक अहम कार्य है। इसे बनाते समय हम सिर्फ एक पुतला नहीं, बल्कि समाज को एक संदेश भी दे रहे होते हैं।'