

सरकार ने स्पष्ट किया है कि 2000 रुपये से अधिक के UPI ट्रांजैक्शन पर कोई GST नहीं लगेगा। यह निर्णय डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और आम जनता व छोटे व्यापारियों को राहत देने के लिए लिया गया है। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा के मॉनसून सत्र के दौरान दी।
यूपीआई पेमेंट (Img: Google)
New Delhi: सरकार ने डिजिटल लेन-देन को लेकर देश के करोड़ों लोगों को राहत दी है। वित्त मंत्रालय ने राज्यसभा में स्पष्ट किया है कि 2000 रुपये से अधिक के UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) ट्रांजैक्शंस पर GST लगाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 22 जुलाई को राज्यसभा के मॉनसून सत्र के दौरान दी।
मंत्री ने बताया कि GST काउंसिल, जो केंद्र व राज्यों के प्रतिनिधियों वाली एक संवैधानिक संस्था है, उसने UPI लेनदेन पर कोई कर लगाने की सिफारिश नहीं की है। उन्होंने कहा कि लोगों में हाल ही में जो भ्रम और आशंकाएं फैली थीं, उन्हें दूर करने के लिए यह स्पष्टीकरण दिया गया है।
यूपीआई: डिजिटल भुगतान का आधार
UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस भारत में सबसे तेज, सुरक्षित और सुलभ डिजिटल भुगतान प्रणाली बन चुकी है। यह प्रणाली भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित की गई है और इसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मान्यता प्राप्त है। इसके माध्यम से उपभोक्ता किसी भी बैंक खाते से सीधे दूसरे बैंक खाते में रीयल-टाइम में ट्रांजैक्शन कर सकता है।
मोबाइल एप्स के माध्यम से संचालित होने वाला यह प्लेटफॉर्म, QR कोड, मोबाइल नंबर या UPI ID के जरिए भुगतान की सुविधा देता है, जिससे लेनदेन बेहद सरल हो जाता है।
व्यापारियों को भेजे गए थे नोटिस
हाल ही में कर्नाटक के लगभग 6,000 व्यापारियों को UPI ट्रांजैक्शन डेटा के आधार पर GST डिमांड नोटिस भेजे गए थे। इसके बाद यह आशंका फैलने लगी थी कि सरकार जल्द ही डिजिटल पेमेंट पर भी टैक्स लगाने वाली है। इन खबरों के चलते दिल्ली, मुंबई समेत कई शहरों के व्यापारियों ने UPI से भुगतान लेने में हिचकिचाहट शुरू कर दी थी।
हालांकि अब सरकार के इस बयान के बाद स्थिति स्पष्ट हो गई है और व्यापारी व उपभोक्ता दोनों ही बिना किसी चिंता के UPI का उपयोग कर सकेंगे।
डिजिटल इंडिया को मिलेगा बढ़ावा
सरकार का यह निर्णय डिजिटल इंडिया मिशन को मजबूती प्रदान करेगा। यह न सिर्फ आम उपभोक्ताओं को राहत देगा, बल्कि छोटे और मध्यम व्यापारियों को भी प्रोत्साहित करेगा जो अपने रोजमर्रा के व्यापारिक लेन-देन के लिए UPI पर निर्भर हैं।
फिलहाल UPI के जरिए लेन-देन करने वाले उपभोक्ताओं और व्यापारियों को किसी प्रकार का अतिरिक्त कर नहीं देना होगा। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस प्रकार के ट्रांजैक्शन पर GST लगाने की कोई योजना नहीं है।