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आर्थिक अनिश्चितता के दौर में पर्सनल लोन तेजी से लोगों का सहारा बन रहा है। बिना गारंटी, तुरंत अप्रूवल और लचीली EMI के कारण इसकी मांग बढ़ी है। हालांकि ज्यादा ब्याज और गलत प्लानिंग इसे जोखिम भरा भी बना सकती है। जानें पर्सनल लोन के फायदे, खतरे और सही इस्तेमाल का तरीका।
पर्सनल लोन की लोकप्रियता (Img source: Google)
New Delhi: आज के दौर में जब नौकरी, बिज़नेस और आय से जुड़ी अनिश्चितताएं अचानक सिर उठा लेती हैं, तब पर्सनल लोन लाखों लोगों के लिए एक मजबूत सहारा बनकर उभर रहा है। मेडिकल इमरजेंसी हो, बिज़नेस में नुकसान की भरपाई करनी हो या अचानक कोई बड़ा खर्च सामने आ जाए, पर्सनल लोन बिना गारंटी के तुरंत मिलने वाला वित्तीय समाधान साबित हो रहा है। यही वजह है कि देश में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है।
पर्सनल लोन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें किसी तरह की सिक्योरिटी या गारंटर की जरूरत नहीं होती। बैंक और NBFC अब कुछ ही घंटों में लोन अप्रूव कर रकम सीधे खाते में ट्रांसफर कर रहे हैं। ऐसे में इमरजेंसी परिस्थितियों में लोगों को तुरंत राहत मिल जाती है।
इसके अलावा पर्सनल लोन का रीपेमेंट टेन्योर 1 से 5 साल तक होता है, जिससे EMI को अपनी आय के अनुसार आसानी से मैनेज किया जा सकता है। साल 2025 के अंत तक कई बड़े बैंक और फाइनेंशियल संस्थान 9.99% से 10.80% सालाना ब्याज दर पर पर्सनल लोन ऑफर कर रहे हैं, बशर्ते आपका क्रेडिट स्कोर मजबूत हो।
आर्थिक संकट में पर्सनल लोन बना सहारा (img source: google)
Credgenics के को-फाउंडर और CEO ऋषभ गोयल का कहना है कि पर्सनल लोन आज सिर्फ खर्च का जरिया नहीं, बल्कि लोगों को दोबारा खड़े होने का मौका दे रहा है। सही प्लानिंग और समय पर चुकाई गई EMI के साथ यह कठिन दौर में भी फाइनेंशियल स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है।
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अगर आप पर्सनल लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो सबसे पहले उसका उद्देश्य बिल्कुल साफ रखें। जैसे:
इसके बाद, अलग-अलग बैंकों और NBFC की ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस, प्री-पेमेंट चार्ज और अन्य शर्तों की तुलना जरूर करें। कई बार कम ब्याज दर के बावजूद छुपे चार्ज लोन को महंगा बना देते हैं। समय पर EMI चुकाना बेहद जरूरी है। इससे न सिर्फ आपका कर्ज नियंत्रित रहता है बल्कि आपका क्रेडिट स्कोर भी मजबूत होता है, जो भविष्य में होम लोन या कार लोन लेने में मदद करता है।
जहां पर्सनल लोन जरूरत के समय बड़ा सहारा बन सकता है, वहीं इसमें कुछ जोखिम भी जुड़े होते हैं:
इसीलिए बिना योजना के लिया गया पर्सनल लोन भविष्य में भारी आर्थिक दबाव बना सकता है।
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आज पर्सनल लोन सिर्फ एक कर्ज नहीं रह गया है, बल्कि यह उन लोगों के लिए दूसरी शुरुआत का रास्ता बन चुका है जो किसी कारणवश आर्थिक रूप से कमजोर पड़ गए थे। सही सलाह, अनुशासित रीपेमेंट और समझदारी से लिया गया लोन आर्थिक झटकों को स्थिरता में बदल सकता है।
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