हिंदी
दुबई एयर शो में भारतीय वायुसेना का तेजस फाइटर जेट डेमो फ्लाइट के दौरान क्रैश हो गया, जिसमें पायलट की मौत हो गई। वायुसेना ने हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी बैठा दी है। यह तेजस का दूसरा क्रैश और पहला हादसा है जिसमें पायलट की जान गई है।
दुबई एयर शो में तेजस क्रैश
New Delhi: दुबई एयर शो के आखिरी दिन भारत के लिए एक बड़ा हादसा घट गया, जब भारतीय वायुसेना का स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस क्रैश हो गया। यह दुर्घटना शुक्रवार को भारतीय समयानुसार दोपहर 3:40 बजे अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हुई, जहां एयर शो के दौरान तेजस की डेमो फ्लाइट संचालित की जा रही थी। न्यूज एजेंसियों के अनुसार उड़ान के दौरान नियंत्रण बिगड़ने के बाद विमान तेजी से नीचे गिरा और देखते ही देखते उसमें भीषण आग लग गई। आसमान में काले धुएं का बड़ा गुबार उठता दिखाई दिया, जिसने वहां मौजूद हजारों दर्शकों को दहशत में डाल दिया।
भारतीय वायुसेना ने पुष्टि की है कि हादसे में तेजस के पायलट की मौत हो गई है। पायलट ने इमरजेंसी कंट्रोल हासिल करने की कोशिश की, लेकिन विमान इतनी तेजी से नीचे आया कि उन्हें सुरक्षित इजेक्शन का मौका नहीं मिल सका। 2001 में अपनी पहली उड़ान भरने के बाद यह पहला मौका है जब तेजस फाइटर जेट के किसी पायलट की मौत हुई है। इससे पहले मार्च 2024 में पोकरण में युद्धाभ्यास के दौरान तेजस क्रैश हुआ था, लेकिन उस समय पायलट इजेक्ट होकर बच गए थे।
कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश
वायुसेना ने कहा है कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी बैठाई गई है। प्रारंभिक तौर पर किसी तकनीकी खराबी की आशंका जताई जा रही है, लेकिन आधिकारिक तौर पर जांच पूरी होने के बाद ही कारण स्पष्ट हो सकेगा। तेजस को भारत ने HAL के साथ मिलकर विकसित किया है और यह भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में इस गंभीर हादसे ने स्वदेशी कार्यक्रम के सुरक्षा मानकों पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
दुबई एयर शो का आखिरी दिन और दुनिया की मौजूदगी
दुबई एयर शो दुनिया का प्रमुख एयरोस्पेस आयोजन माना जाता है। यहां दुनियाभर की एयरलाइंस, एयर फोर्सेज, हथियार निर्माता कंपनियां और एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी फर्में हिस्सा लेती हैं। 1989 में शुरू हुए इस एयर शो का आयोजन हर दो साल में किया जाता है। यह लगातार तीसरी बार था जब तेजस इस मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा था। भारत के लिए यह एक बड़ा अवसर माना जाता था क्योंकि तेजस की अंतरराष्ट्रीय मार्केट में मौजूदगी बढ़ाने की कोशिशें की जा रही थीं।
शो के आखिरी दिन बड़ी संख्या में विदेशी प्रतिनिधि, सैन्य अधिकारी और एविएशन विशेषज्ञ मौजूद थे। तेजस का प्रदर्शन कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण था, जिस पर दुनिया की नज़रें टिकी थीं, लेकिन क्रैश ने पूरे आयोजन में अफरा-तफरी मचा दी। जैसे ही विमान जमीन पर गिरा, सुरक्षा टीमें कुछ ही सेकंड में मौके पर पहुंच गईं, लेकिन तब तक आग तेज फैल चुकी थी।
तेजस कार्यक्रम को झटका
तेजस का यह दूसरा क्रैश है और पहली बार इसमें पायलट ने अपनी जान गंवाई है। यह घटना ऐसे समय हुई है जब भारत तेजस के एक्सपोर्ट को लेकर कई देशों से बातचीत कर रहा है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि हादसे का असर अंतरराष्ट्रीय मंच पर तेजस की छवि पर पड़ सकता है, हालांकि अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की दिशा तय होगी।