

देश की प्रमुख ऑटो कंपनी बजाज ऑटो को कुछ प्रतिबंधों के कारण अगस्त 2025 से अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन बंद करना पड़ सकता है। कंपनी ने सरकार से त्वरित मदद की मांग की है ताकि सप्लाई चेन में स्थिरता लाई जा सके।
बजाज ग्रुप (सोर्स-गूगल)
New Delhi: देश की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी बजाज ऑटो को एक बड़ा झटका लगने की आशंका है। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज ने हाल ही में खुलासा किया है कि अगर स्थिति जल्द नहीं सुधरी, तो अगस्त 2025 से कंपनी को अपने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) का प्रोडक्शन बंद करना पड़ सकता है। इस संकट की मुख्य वजह चीन द्वारा लगाए गए रेयर अर्थ मैग्नेट्स के निर्यात पर प्रतिबंध हैं।
चीन ने हाल ही में रेयर अर्थ मैग्नेट्स की सप्लाई पर कड़ी पाबंदियां लगाई हैं, जिससे भारत समेत कई देशों को भारी नुकसान हो रहा है। ये मैग्नेट्स इलेक्ट्रिक वाहन मोटर्स के लिए बेहद आवश्यक होते हैं और चीन इस क्षेत्र में सबसे बड़ा निर्यातक है। बजाज ऑटो के पास केवल जून 2025 तक का ही स्टॉक बचा था, जिसके कारण जुलाई में कंपनी के इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन 50 प्रतिशत तक घट गया। अगर यह स्थिति बरकरार रही तो अगस्त महीने में बजाज ऑटो का EV उत्पादन पूरी तरह से बंद हो सकता है।
बजाज के इलेक्ट्रिक वाहनों पर संकट
बजाज ऑटो वर्तमान में अपने लोकप्रिय Chetak इलेक्ट्रिक स्कूटर और हाल ही में लॉन्च किए गए GoGo ई-रिक्शा का उत्पादन कर रही है। लेकिन चीन से रेयर अर्थ मैग्नेट्स की सप्लाई बंद होने के कारण कंपनी को EV मोटर बनाने के लिए आवश्यक सामग्री नहीं मिल पा रही है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि अगर मौजूदा स्टॉक खत्म हो गया और वैकल्पिक सप्लाई नहीं मिली, तो अगस्त 2025 ‘जीरो प्रोडक्शन मंथ’ साबित हो सकता है।
सरकार से मदद की मांग
राजीव बजाज ने इस गंभीर संकट पर चिंता व्यक्त करते हुए भारत सरकार से त्वरित हस्तक्षेप की अपील की है। उन्होंने कहा कि EV में इस्तेमाल होने वाले मैग्नेट्स का लगभग 90% हिस्सा चीन से आता है। चीन की नई निर्यात नीति से न केवल बजाज, बल्कि कई अन्य भारतीय ऑटो कंपनियों की सप्लाई चेन प्रभावित हुई है। बजाज ने सरकार से इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए एक स्थिर और स्पष्ट नीति बनाने का आग्रह किया है, ताकि देश में नए सप्लायर्स खोजे जा सकें या समाधान निकाला जा सके।
अन्य कंपनियां भी प्रभावित
बजाज ऑटो की तरह ही अन्य इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियां जैसे TVS और Ather Energy भी इस समस्या से जूझ रही हैं। सप्लाई में आ रही दिक्कतों के कारण इन कंपनियों ने भी अपने प्रोडक्शन को धीरे-धीरे कम करना शुरू कर दिया है। अगर इस स्थिति का समाधान जल्द नहीं निकला तो बाजार में EV की उपलब्धता घटने के साथ ही कीमतों में भी इजाफा होने की संभावना है।
रेयर अर्थ मैग्नेट्स का महत्व
रेयर अर्थ मैग्नेट्स इलेक्ट्रिक वाहनों के मोटर चलाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इन मैग्नेट्स का उत्पादन सीमित देशों में होता है और चीन विश्व का सबसे बड़ा निर्माता और निर्यातक है। जब चीन इस पर निर्यात प्रतिबंध लगाता है तो इसका प्रभाव विश्व भर की EV कंपनियों पर पड़ता है।
छोटे कारोबारों पर असर
राजीव बजाज ने चिंता जताई है कि इस संकट से न केवल बड़ी कंपनियां, बल्कि छोटे सप्लायर्स, डीलर और कर्मचारी भी प्रभावित होंगे। कई डीलर्स ने ईवी डिस्ट्रीब्यूशन के लिए भारी निवेश और समय दिया है, जो अब जोखिम में पड़ सकता है।
इसके लिए विकल्प और समाधान
राजीव बजाज के अनुसार, शॉर्ट टर्म में इस समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं है। लेकिन मिड टर्म में दो विकल्प संभव हैं, या तो किसी अन्य देश से रेयर अर्थ मैग्नेट्स का आयात करना या फिर इन मैग्नेट्स की जगह किसी अन्य तकनीकी विकल्प पर काम करना। हालांकि, किसी भी मौजूदा प्रोडक्ट के डिजाइन या सप्लाई चेन में बदलाव करना आसान नहीं है और इसके लिए भारी निवेश और समय की जरूरत होती है।