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उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की अंतिम तारीख एक बार फिर बढ़ सकती है। 2.95 करोड़ मतदाताओं के सत्यापन को लेकर चुनाव आयोग सतर्क है, 26 दिसंबर को होगी समीक्षा।
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Lucknow: उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन - एसआईआर) की प्रक्रिया की अंतिम तिथि एक बार फिर बढ़ाई जा सकती है। प्रदेश में करीब 2.95 करोड़ मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने की प्रक्रिया चल रही है, जिसे लेकर चुनाव आयोग अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। किसी भी तरह की त्रुटि या गड़बड़ी से बचने के लिए अंतिम तारीख को तीसरी बार बढ़ाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
क्या बोले यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी?
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिणवा ने संकेत दिए हैं कि 26 दिसंबर को चल रहे कार्यों की विस्तृत समीक्षा की जाएगी। समीक्षा के बाद यदि यह पाया गया कि अभी भी सत्यापन या अन्य प्रक्रियाएं अधूरी हैं तो एसआईआर की समय-सीमा को आगे बढ़ाया जा सकता है। उनका कहना है कि चुनाव आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न रह जाए।
फिलहाल प्रदेश में तीन प्रमुख स्तरों पर काम चल रहा है। पहला, नए मतदाताओं को मतदाता सूची में जोड़ने का कार्य। दूसरा, करीब 2.95 करोड़ ऐसे मतदाताओं को ढूंढ़ना, जिनके नाम वर्तमान सूची में हैं लेकिन जिनकी स्थिति संदिग्ध मानी जा रही है। तीसरा, पुरानी मतदाता सूची और नई मतदाता सूची के बीच मैपिंग की प्रक्रिया, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किस मतदाता का नाम किस आधार पर जोड़ा या हटाया गया है।
यह कार्य बेहद संवेदनशील है
चुनाव आयोग के अधिकारियों का कहना है कि यह कार्य बेहद संवेदनशील है, क्योंकि मतदाता सूची लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव होती है। यदि इसमें किसी भी तरह की गलती होती है, तो इसका सीधा असर आगामी चुनावों पर पड़ सकता है। इसी कारण सत्यापन प्रक्रिया को पूरी गंभीरता और पारदर्शिता के साथ पूरा किया जा रहा है।
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बड़ी संख्या में मतदाताओं का भौतिक सत्यापन अभी बाकी
सूत्रों के अनुसार, कई जिलों से यह फीडबैक मिल रहा है कि बड़ी संख्या में मतदाताओं का भौतिक सत्यापन अभी बाकी है। ग्रामीण क्षेत्रों, शहरी झुग्गी बस्तियों और प्रवासी आबादी वाले इलाकों में यह कार्य अपेक्षाकृत धीमा रहा है। ऐसे में समय बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश भी अहम भूमिका निभा रहे
इस पूरी प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत हो, तो चुनाव आयोग को तारीख बढ़ाने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए। कोर्ट का यह निर्देश भी चुनाव आयोग के निर्णय को प्रभावित कर रहा है।
त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करना
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने कहा कि चुनाव आयोग का प्राथमिक लक्ष्य निष्पक्ष, सटीक और त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करना है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी नागरिक का नाम बिना उचित सत्यापन और प्रक्रिया के सूची से नहीं हटाया जाएगा।
फिलहाल सभी जिलों में निर्वाचन अधिकारी, बीएलओ और अन्य फील्ड स्टाफ तेजी से काम में जुटे हुए हैं। 26 दिसंबर को होने वाली समीक्षा बैठक के बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि एसआईआर की तारीख बढ़ेगी या नहीं। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए यह लगभग तय माना जा रहा है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण की समय-सीमा को एक बार फिर बढ़ाया जा सकता है।