झालावाड़ स्कूल हादसा: सात मासूमों की मौत से गांव में मातम, वसुंधरा राजे और शिक्षा मंत्री ने घायलों से की मुलाकात

राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से दर्दनाक हादसा हुआ। इसमें 7 बच्चों की मौत हो गई और 28 घायल हो गए। घटना के बाद शिक्षा मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायज़ा लिया।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 26 July 2025, 8:39 AM IST
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New Delhi: राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना क्षेत्र के पीपलोदी गांव में शुक्रवार को दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। प्रार्थना सभा के दौरान सरकारी स्कूल की छत गिर गई, जिसमें 7 मासूम बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई और 28 बच्चे घायल हो गए। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने बच्चों को अस्पताल पहुंचाया, क्योंकि प्रशासन की ओर से मदद में देरी हुई।

स्थानीय निवासियों के अनुसार, स्कूल की छत से पहले भी मलबा गिरता रहा था और बच्चों ने इसकी शिकायत की थी, लेकिन उस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यह स्कूल 1991 में बना था और लंबे समय से जर्जर स्थिति में था।

शिक्षा मंत्री ने मुआवजे का किया ऐलान

राज्य के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने एसआरजी अस्पताल में घायल बच्चों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि इस हादसे में 7 बच्चों की मौत अत्यंत दुखद है और सरकार मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और एक परिजन को संविदा नौकरी देगी। उन्होंने यह भी कहा कि एक नया स्कूल भवन बनाया जाएगा और मृतक बच्चों के नाम पर स्कूल के कक्षों के नाम रखे जाएंगे।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि हादसे की उच्चस्तरीय जांच होगी और जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाएगी। लापरवाही के लिए स्कूल की हेड मास्टर मीना गर्ग समेत पांच शिक्षकों को निलंबित किया गया है।

राज्य मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

राज्य मानवाधिकार आयोग ने घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रारंभिक शिक्षा विभाग, कलेक्टर, एसपी और जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी किया है। आयोग ने 7 दिनों में एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है और जिला प्रशासन को पीड़ितों की तुरंत सहायता करने के निर्देश दिए हैं।

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का दौरा

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हादसे की सूचना मिलते ही दिल्ली से झालावाड़ पहुंचीं। उन्होंने अस्पताल में घायलों से मुलाकात की और प्रशासन को निर्देश दिए कि पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद दी जाए। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते स्कूल की स्थिति की जांच कर बच्चों को सुरक्षित भवनों में शिफ्ट कर दिया गया होता, तो यह त्रासदी रोकी जा सकती थी।

उन्होंने शिक्षा विभाग से सभी स्कूलों का सर्वे करवाने और जर्जर भवनों को गिराकर नए भवन बनवाने की मांग की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस हृदय विदारक घटना को लेकर किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए और सभी को एकजुट होकर पीड़ितों की मदद करनी चाहिए।

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