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सुप्रीम कोर्ट में नाबालिग से रेप के आरोपी आसाराम बापू की जमानत रद्द करने की मांग की गई है। पीड़िता के वकील का कहना है कि आसाराम की स्वास्थ्य स्थिति सामान्य है और जमानत का कोई आधार नहीं है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला महत्वपूर्ण होगा।
आसाराम की जमानत पर हंगामा
New Delhi: राजस्थान के जोधपुर में नाबालिग से रेप के मामले में सजा काट रहे आसाराम बापू को गुजरात हाई कोर्ट से 6 महीने की अंतरिम जमानत मिलने के बाद अब पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उसकी जमानत रद्द करने की मांग की है। पीड़िता का आरोप है कि आसाराम की चिकित्सीय स्थिति इतनी गंभीर नहीं है कि उन्हें जेल से बाहर जाने की अनुमति दी जाए। पीड़िता के वकील एल्जो जोसफ ने अदालत में दलील दी कि आसाराम के स्वास्थ्य की स्थिति सामान्य है और जमानत रद्द की जानी चाहिए।
गुजरात हाई कोर्ट ने 6 नवंबर को आसाराम को छह महीने की अंतरिम जमानत दी थी, जबकि इससे पहले 29 अक्टूबर को राजस्थान हाई कोर्ट ने भी आसाराम को छह महीने की जमानत दी थी, जो इलाज के आधार पर मंजूर की गई थी। आसाराम की उम्र 86 साल होने और हृदय से संबंधित बीमारी का हवाला देते हुए उन्हें जमानत दी गई थी। हालांकि, पीड़िता और उनके वकील का कहना है कि आसाराम की बीमारी उतनी गंभीर नहीं है और वह सक्रिय रूप से घूम रहे हैं, जिससे जमानत का आधार खारिज किया जा सकता है।
पीड़िता के वकील एल्जो जोसफ ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अगस्त में एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आसाराम स्थिर हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि आसाराम पिछले कुछ समय से अहमदाबाद, जोधपुर, इंदौर जैसे स्थानों पर यात्रा करते रहे हैं और इस दौरान उन्हें किसी भी प्रकार की चिकित्सीय देखभाल की जरूरत नहीं पड़ी। उनका कहना था कि आसाराम का स्वास्थ्य अब ठीक है, इसलिए उन्हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए।
गुजरात हाई कोर्ट ने आसाराम को जमानत देने के समय कहा था कि, “आसाराम की चिकित्सा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, जोधपुर हाई कोर्ट ने पहले उन्हें जमानत दी थी, और हम इस मामले में अलग रुख नहीं अपना सकते।” कोर्ट ने इस फैसले में यह भी स्पष्ट किया कि राजस्थान सरकार, अगर चाहती है तो वह इस जमानत के खिलाफ अपील कर सकती है।
पीड़िता के वकील ने अदालत में यह भी कहा कि आसाराम ने जमानत मिलने के बाद भी कहीं न कहीं भ्रमण किया है। वकील ने कहा, “आसाराम अहमदाबाद, जोधपुर, इंदौर आदि स्थानों पर घूमते रहे हैं। अगर उनकी स्थिति गंभीर होती, तो वे किसी अस्पताल में भर्ती होते। लेकिन, उन्होंने कभी लंबी अवधि तक किसी अस्पताल में इलाज नहीं कराया।”
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आसाराम बापू को 12 साल के लंबे समय के बाद चिकित्सा आधार पर जमानत मिली थी। 6 जनवरी 2025 को आसाराम को पहली बार आंतरिम जमानत दी गई थी, और उसके बाद जुलाई और अगस्त में उसकी जमानत की अवधि बढ़ाई गई थी। हालांकि, 27 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अंतरिम जमानत की याचिका खारिज कर दी थी, और उसके बाद आसाराम ने आत्मसमर्पण कर दिया था।