

फसरों के तबादले लगातार चर्चा में हैं। इसी बीच पटवारियों के तबादले का एक नोटिस सामने आया है। जिसके बाद हड़कंप मच गया। पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज पर
भोपाल: मध्य प्रदेश में अफसरों के तबादले लगातार चर्चा में हैं। इसी बीच पटवारियों के तबादले का एक नोटिस सामने आया है। इस नोटिस में जेल की सलाखों के पीछे बंद एक पटवारी का तबादला कर दिया गया है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, यह तबादला विजयपुर तहसील से बड़ौदा तहसील में किया गया है। यह खबर न सिर्फ हैरान करने वाली है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी चर्चा हो रही।। इसे लेकर कांग्रेस ने भी भाजपा सरकार पर तंज कसा है। पटवारी हेमंत मित्तल पर श्योपुर जिले में बाढ़ राहत राशि में अनियमितता का आरोप है।
खबर ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा..
जानकारी के मुताबिक, इस मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वे जेल में हैं। मगर प्रशासन ने ऐसा कदम उठाया, जिसने सभी को हैरान कर दिया। जेल में रहने के बावजूद उनका तबादला आदेश जारी कर दिया गया और वो भी विजयपुर से बड़ौदा तहसील। इस खबर ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया।
अब राजनीतिक गलियारों में भी गूंज..
इस पर विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सरकार पर तबादला उद्योग को नमूना बताते हुए सरकार को घेरा। ऐसे में एक यूजर ने लिखा, पटवारी का तबादला जेल में बैठे? ये डबल इंजन नहीं ब्लकि ट्रिपल इंजन की स्पीड है! वहीं ऐसे में कुछ लोगों ने इसे प्रशासनिक लापरवाही बताया है। यह पूरा मामला अब राजनीतिक गलियारों में भी गूंज रहा है। ऐसे में भ्रष्ट्राचार का प्रतीक विपक्ष इसे बता रहा है।
तबादला उद्योग भी डबल स्पीड से चलने लगा
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने इस तबादले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, 'मध्य प्रदेश में तबादला उद्योग पूरी गति से चलने लगा है। श्योपुर जिले में बाढ़ राहत राशि में अनियमितता के मामले में पटवारी हेमंत मित्तल जेल में हैं, फिर भी उनका तबादला विजयपुर तहसील से बड़ौदा तहसील कर दिया गया है। वाह रे डबल इंजन सरकार। तबादला उद्योग भी डबल स्पीड से चलने लगा है।
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