करवाचौथ 2025: व्रत की परंपरा से लेकर आधुनिक ट्रेंड्स तक- कैसे बदल रहा है त्योहार का स्वरूप?

करवाचौथ 2025 में परंपरा और आधुनिकता का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है। सुहागिनें जहां पारंपरिक व्रत और पूजा विधियों का पालन कर रही हैं, वहीं सोशल मीडिया, ऑनलाइन ब्यूटी सर्विस और फैशन ट्रेंड्स से भी त्योहार को खास बना रही हैं।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 7 October 2025, 1:07 PM IST
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New Delhi: करवाचौथ 2025 का पर्व इस बार न सिर्फ परंपरा से जुड़ा रहा, बल्कि आधुनिकता और तकनीक के संगम का एक नया रूप भी सामने आया। सदियों से यह पर्व भारतीय संस्कृति में पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख-समृद्धि के लिए रखा जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। परंतु, बदलते दौर में इसका स्वरूप भी आधुनिक जीवनशैली के अनुरूप ढलता जा रहा है।

इस साल करवाचौथ के मौके पर देशभर में खास तैयारियां देखने को मिलीं। महिलाएं सुबह से ही व्रत की तैयारी में जुट गईं। परंपरागत रूप से यह व्रत सूर्योदय से चंद्रमा के दर्शन तक बिना जल और अन्न के रखा जाता है। लेकिन अब स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बहुत सी महिलाएं फलाहार और डॉक्टर की सलाह से व्रत रख रही हैं।

करवाचौथ

करवाचौथ 2025 परंपरा और ट्रेंड्स

सोशल मीडिया पर करवाचौथ के रंग

करवाचौथ अब सिर्फ घर की चारदीवारी तक सीमित नहीं रहा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब पर #KarwaChauth2025 ट्रेंड करता रहा। महिलाओं ने अपने श्रृंगार, व्रत पूजा और चंद्र दर्शन की तस्वीरें और वीडियो साझा कर पर्व को डिजिटली सेलिब्रेट किया।

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ऑनलाइन ब्यूटी सर्विस और मेहंदी का ट्रेंड

इस बार करवाचौथ में ऑनलाइन मेहंदी बुकिंग और घर पर ब्यूटी सर्विसेज का चलन खूब देखने को मिला। बड़े शहरों में महिलाएं पहले से ही ऐप्स और वेबसाइट्स के जरिए बुकिंग कर अपने श्रृंगार को खास बना रही हैं। साड़ियों से लेकर डिजाइनर लहंगों और फ्यूजन ड्रेस तक, करवाचौथ का फैशन भी इस बार चर्चा में रहा।

पति भी निभा रहे साथ

लैंगिक समानता की सोच को बढ़ावा देते हुए अब कई पति भी अपनी पत्नियों के साथ व्रत रख रहे हैं। इससे न सिर्फ रिश्ते में समझदारी बढ़ रही है, बल्कि त्योहार की भावना और मजबूत हो रही है।

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चांद के दर्शन और पूजा का महत्व

करवाचौथ की पूजा में चंद्रमा का विशेष महत्व होता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोला जाता है। इस बार शहरों में चंद्र दर्शन के लिए विशेष आयोजन किए गए, जिनमें सामूहिक पूजा और काव्य संध्याओं का भी आयोजन हुआ।

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  • New Delhi

Published : 
  • 7 October 2025, 1:07 PM IST