

कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन सही इलाज और उचित देखभाल से इससे जूझा जा सकता है। परंतु इलाज के साथ-साथ मरीज के खानपान का भी विशेष ध्यान रखना अत्यंत जरूरी होता है। जानिए कौन-सी चीजें कैंसर मरीजों को नहीं खानी चाहिए और क्यों।
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स-गूगल)
New Delhi: आज की तेज़ रफ्तार और तनावपूर्ण जीवनशैली ने लोगों की सेहत पर गंभीर असर डाला है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां अब केवल उम्रदराज लोगों को ही नहीं, बल्कि युवाओं को भी तेजी से प्रभावित कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी एक बड़ी वजह अनुचित खानपान और गलत जीवनशैली है।
कैंसर विशेषज्ञ डॉ. रेखा आर्या का कहना है कि इलाज के दौरान कैंसर मरीजों को सिर्फ दवाओं पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं होता, बल्कि सही आहार भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है। कई बार परिवारजन प्यार और देखभाल में मरीज को ऐसी चीजें खिला देते हैं, जो उनकी स्थिति को और बिगाड़ सकती हैं।
इन चीजों से बनाएं दूरी
प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड
चिप्स, नमकीन, बिस्किट, इंस्टेंट नूडल्स जैसी चीजें भले ही आसानी से मिल जाती हों और खाने में स्वादिष्ट लगती हों, लेकिन इनमें मौजूद प्रिजर्वेटिव्स, ट्रांस फैट और कृत्रिम रंग शरीर में जहर जैसे असर कर सकते हैं। ये पदार्थ कैंसर मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करते हैं और शरीर को रिकवरी से रोक सकते हैं।
शुगर युक्त चीजें
अधिक मिठाइयां, केक, बेकरी आइटम्स और मीठे जूस में मौजूद रिफाइंड शुगर कैंसर सेल्स की वृद्धि को तेज कर सकती है। रिसर्च बताती है कि कैंसर सेल्स ग्लूकोज पर जल्दी प्रतिक्रिया करते हैं और उससे तेजी से बढ़ते हैं। इसलिए शुगर का सेवन न्यूनतम या बिल्कुल बंद कर देना चाहिए।
दूध और डेयरी उत्पाद
दूध सामान्य सेहत के लिए अच्छा हो सकता है, लेकिन हार्मोन-सेंसिटिव कैंसर (जैसे स्तन और प्रोस्टेट कैंसर) में डेयरी उत्पादों से सूजन और हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। ऐसी स्थिति में पौधों पर आधारित दूध या डेयरी-फ्री विकल्प बेहतर होते हैं।
बहुत ज्यादा फाइबर
कीमोथेरेपी या रेडिएशन के दौरान जब पाचन कमजोर हो जाता है, तब ज्यादा फाइबर (जैसे छिलके वाले फल, साबुत अनाज) पचाना मुश्किल हो सकता है। इस समय मरीज को हल्का, सुपाच्य और आसानी से पचने वाला भोजन देना चाहिए।
हर्बल सप्लीमेंट बिना डॉक्टर की सलाह के
भले ही हर्बल सप्लीमेंट्स प्राकृतिक हों, लेकिन कुछ तत्व कीमोथेरेपी की दवाओं के साथ रिएक्ट कर सकते हैं। इससे साइड इफेक्ट्स और दवा का असर दोनों प्रभावित हो सकते हैं।
क्या करें?
1-डॉक्टर या डाइटीशियन की सलाह पर आधारित डाइट फॉलो करें।
2-हाइड्रेशन बनाए रखें और फलों-सब्जियों को अच्छी तरह धोकर खाएं।
3-किसी भी नई चीज का सेवन शुरू करने से पहले चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।
डिस्क्लेमर-यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सकीय सलाह का विकल्प नहीं है। डाइनामाइट न्यूज़ इस लेख में दी गई जानकारी को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है।