

संयुक्त राष्ट्र महासभा 2025 के सत्र के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संभावित मुलाकात से भारत-पाक तनाव एक बार फिर वैश्विक मंच पर आ सकता है। इस बैठक में कश्मीर, आतंकवाद और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
ट्रंप और शहबाज
Islamabad/Washington: दुनिया की नज़रें इस महीने के अंत में न्यूयॉर्क में होने जा रहे संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र पर हैं, और इसी के साथ पाकिस्तान की राजनीति और कूटनीति में एक नई हलचल दिखाई दे रही है। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और मौजूदा रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच 25 सितंबर को संभावित मुलाकात हो सकती है।
यह मुलाकात ऐसे वक्त पर होने जा रही है जब भारत और पाकिस्तान के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" चलाया था, जिसमें पाकिस्तान के भीतर जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसके बाद 7 से 10 मई के बीच दोनों देशों के बीच सीमा पर युद्ध जैसे हालात बन गए थे।
ट्रंप और शहबाज
1. भारत-पाकिस्तान तनाव और कश्मीर मुद्दा
2. आतंकी गतिविधियों और सीमा-पार हमलों पर बातचीत
3. पाकिस्तान में हालिया बाढ़ और राहत के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद
4. कतर और सऊदी अरब की भूमिका पर संवाद
5. अफगानिस्तान और क्षेत्रीय स्थिरता
6. अमेरिका-पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्स्थापित करने की कोशिश
बैठक को लेकर खास बात यह है कि कतर और सऊदी अरब की भूमिका को ‘फैसिलिटेटर’ यानी मध्यस्थ के रूप में देखा जा रहा है। पाकिस्तानी राजनयिक सूत्रों के मुताबिक, इन खाड़ी देशों ने ही शहबाज-ट्रंप मीटिंग के लिए अनौपचारिक मंजूरी दी है। सऊदी और कतर हाल के वर्षों में पाकिस्तान की आर्थिक मदद के प्रमुख स्त्रोत रहे हैं और ये दोनों देश भारत-पाक के तनाव कम करने में रुचि रखते हैं क्योंकि उनका निवेश और व्यापार क्षेत्रीय स्थिरता पर निर्भर करता है।
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डोनाल्ड ट्रंप, जो अपने 2016-2020 के कार्यकाल में पाकिस्तान को कई बार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए फटकार चुके थे, अब पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर के साथ जून 2025 में हुई मुलाकात के बाद एक नर्म रुख अपनाते दिख रहे हैं।