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दुबई एयर शो के दौरान भारतीय तेजस जेट के क्रैश और पायलट की मृत्यु पर रिटायर्ड एयर मार्शल अनिल चोपड़ा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भारत-यूएई संयुक्त जांच जल्द शुरू होगी और सभी वीडियो व उड़ान डेटा का विश्लेषण किया जाएगा। स्थानीय प्रशासन, आयोजकों और HAL की टीम आगे की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
दुबई एयर शो के दौरान भारतीय तेजस जेट क्रैश (Img: Google)
Dubai: दुबई में 21 नवंबर को आयोजित एयर शो में भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान LCA तेजस की दुर्घटना ने भारतीय रक्षा तैयारियों और अंतरराष्ट्रीय एविएशन हल्कों में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हादसे में पायलट की दुखद मौत हो गई और दुर्घटना का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अब इस मामले में जांच प्रक्रिया तेज हो गई है और भारतीय वायुसेना, HAL और सरकार तीनों उच्चस्तरीय समीक्षा में जुट गए हैं।
रिटायर्ड एयर मार्शल अनिल चोपड़ा ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि यह जांच अत्यंत तेजी से और गहन तकनीकी स्तर पर की जाएगी। उन्होंने बताया कि वायुसेना और सरकार घटना को बेहद गंभीरता से ले रही है और HAL की तकनीकी टीम भी मौके पर मौजूद थी क्योंकि वे पूरे प्रदर्शन का हिस्सा थे।
तेजस का हादसा विदेशी धरती पर हुआ है, इसलिए क्रैश साइट, मलबा और तकनीकी उपकरणों को भारत लाने के लिए औपचारिक प्रक्रिया जरूरी होती है। एयर मार्शल चोपड़ा ने स्पष्ट किया कि दुबई पुलिस और एयर शो आयोजकों की अनुमति के बिना कोई कदम नहीं उठाया जा सकता। उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस क्षेत्र की घेराबंदी कर सुरक्षित करती है, एयर शो की ग्राउंड क्रू हर देश की टीम के साथ रहती है और तकनीकी जांच में मुख्य सहयोग स्थानीय प्रशासन ही देता है। भारत सरकार, HAL के विशेषज्ञों और IAF अधिकारियों की संयुक्त टीम अब इस दुर्घटना की तकनीकी व ऑपरेशनल जांच करेगी।
Breaking: दुबई एयर शो में तेजस क्रैश, भारतीय पायलट की मौत; IAF ने दिए जांच के आदेश
क्रैश के वायरल वीडियो में साफ दिखता है कि तेजस ने कम ऊंचाई पर एक नेगेटिव-जी मनोवर किया। यह स्टंट तेजस की उन्नत क्षमताओं का हिस्सा है, लेकिन इसके बाद विमान लेवल फ्लाइट में लौट नहीं सका और उसकी वर्टिकल स्पीड इतनी बढ़ गई कि वह जमीन से टकरा गया। सबसे गंभीर तथ्य यह रहा कि पायलट ने इजेक्ट नहीं किया, अंतिम सेकंड में विमान सीधा दिखा, लेकिन रिकवरी समय काफी कम था।
अनिल चोपड़ा ने कहा कि तेजस का यह प्रदर्शन दिखाता है कि उसकी फ्यूल प्रणाली और कंट्रोल सिस्टम नेगेटिव-जी में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा, “नेगेटिव-जी टर्न दुनिया के बहुत कम फाइटर जेट कर पाते हैं। यह पायलट और विमान दोनों की क्षमता दिखाता है।” लेकिन हादसा नेगेटिव-जी टर्न के बाद की रिपोज़िशनिंग टर्न में क्या गलत हुआ, इसकी बारीकी से जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि जांचकर्ता हर वीडियो को फ्रेम-दर-फ्रेम देखेंगे और उसे फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर से मैच करेंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार, सभी वीडियो, मोबाइल फुटेज और ड्रोन क्लिप इकट्ठा किए जाएंगे। इसके अलावा, फ्लाइट डेटा और ब्लैक बॉक्स की जांच होगी। मनोवर, ऊंचाई और रिकवरी टाइम की तुलना की जाएगी। इसके साथ ही HAL और IAF मिलकर डिज़ाइन, मेंटेनेंस और ट्रेनिंग पैटर्न की समीक्षा करेंगे।