

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता फिर से तनाव में आ गई है। अमेरिका भारत पर GM मक्का खरीदने का दबाव बना रहा है, लेकिन भारत ने पर्यावरण और स्वास्थ्य के खतरे को देखते हुए इससे इनकार कर दिया है। अमेरिका ने चेताया कि इससे भारत की अमेरिका में व्यापार पहुंच प्रभावित हो सकती है।
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में तकरार
Washington: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में एक बार फिर से तनाव की स्थिति बनती नजर आ रही है। जहां एक ओर दोनों देश मुक्त व्यापार और सहयोग की दिशा में कदम बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अमेरिका की ओर से लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि भारत अमेरिकी उत्पादों के लिए अपना बाजार खोले। ताजा मामला अमेरिकी मक्का (कॉर्न) के आयात से जुड़ा है। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने भारत को स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर उसने अमेरिकी मक्का को खरीदने से इनकार किया तो भारतीय उत्पादों के लिए अमेरिकी बाजार में प्रवेश बंद किया जा सकता है।
हॉवर्ड लुटनिक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि भारत-अमेरिका व्यापार संबंध एकतरफा हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत अपने उत्पाद अमेरिका को बेचकर लाभ उठाता है, लेकिन जब अमेरिका की बात आती है, तो वह अपने बाजार को बंद रखता है। उन्होंने कहा, "भारत हमें हर चीज बेचता है, लेकिन हमारी मक्का नहीं खरीदता। क्या 1.4 अरब लोगों वाला देश एक बुशेल मक्का नहीं खरीद सकता?" उन्होंने यह भी जोड़ा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीति स्पष्ट है "जैसा हम तुम्हारे साथ करते हैं, वैसा ही हमारे साथ करो।" लुटनिक ने कहा कि अगर भारत अमेरिका के साथ व्यापार करना चाहता है, तो उसे टैरिफ कम करने होंगे और अपने बाजार को खोलना होगा।
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में तकरार
अमेरिका जिस मक्का को भारत को बेचने की कोशिश कर रहा है, वह ज्यादातर आनुवंशिक रूप से संशोधित (Genetically Modified - GM) होता है। भारत में GM फसलों को लेकर अभी भी सख्त नियम हैं। न केवल भारत में GM मक्का की खेती की अनुमति नहीं है, बल्कि इसका आयात भी प्रतिबंधित है। नीति आयोग ने हाल ही में इथेनॉल उत्पादन के लिए GM मक्का उगाने के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया था। भारत सरकार का तर्क है कि GM मक्का पर्यावरण, जैव विविधता और स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा हो सकता है। इसका असर मिट्टी की उर्वरता और पशु चारे के माध्यम से खाद्य श्रृंखला पर भी पड़ सकता है। यही कारण है कि भारत ने अभी तक अमेरिकी GM मक्का के आयात को अनुमति नहीं दी है।
लुटनिक का बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका और भारत के संबंध कई अन्य क्षेत्रों में मजबूत हो रहे हैं, जैसे रक्षा, प्रौद्योगिकी और निवेश। डोनाल्ड ट्रंप स्वयं भारत के प्रति पहले की अपेक्षा कहीं अधिक नरम रुख अपना रहे हैं। लेकिन लुटनिक की यह बयानबाजी यह संकेत देती है कि अमेरिकी प्रशासन का एक वर्ग अभी भी भारत पर दबाव बनाकर अपने व्यापारिक हितों को आगे बढ़ाना चाहता है।