

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर कीर स्टारमर ने 8 अक्टूबर, 2025 को मुंबई में पहुंचकर अपने भारत दौरे की शुरुआत की। यह 2 दिन का दौरा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और रणनीतिक साझेदारी को विस्तार देने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
सर कीर स्टारमर भारत दौरा
New Delhi: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री Rt. Hon. सर कीर स्टारमर KCB KC MP ने बुधवार, 8 अक्टूबर 2025 को भारत के दौरे पर मुंबई में कदम रखा। सुबह 5:40 बजे Chatrapati Shivaji Maharaj International Airport पर उनकी पहुंच के साथ ही यह दौरा औपचारिक रूप से शुरू हो गया। प्रधानमंत्री के आगमन पर भारतीय अधिकारियों द्वारा उनका औपचारिक स्वागत किया गया।
मुंबई एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री सर कीर स्टारमर का स्वागत भारतीय राजनयिक अधिकारियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने किया। आगमन के समय फोटोग्राफी के लिए केवल आधिकारिक अवसर बनाए गए थे, जिसमें दोनों देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
मुंबई से आगे प्रधानमंत्री कीर स्टारमर दिल्ली के लिए रवाना होंगे, जहां वे भारत के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय वार्ता को अंजाम देंगे। इन वार्ताओं में दोनों देशों के बीच सहयोग के नए आयाम स्थापित किए जाने की उम्मीद है।
मुंबई में एयरपोर्ट पर हुआ भव्य स्वागत
यह दौरा दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग को और मजबूत करने का अवसर माना जा रहा है। विशेष रूप से व्यापार, रक्षा, जलवायु परिवर्तन, तकनीक और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय रिश्तों को नए आयाम देने के लिए इस भ्रमण को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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सर कीर स्टारमर का यह भारत दौरा पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच बढ़ते राजनयिक और आर्थिक संबंधों को एक नई दिशा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके कार्यक्रम में दिल्ली में भारत के शीर्ष नेताओं से मुलाकात, व्यापारिक समझौतों पर हस्ताक्षर और विभिन्न बहुपक्षीय संगठनों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने के प्रस्ताव शामिल हैं।
भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच लंबे समय से सशक्त साझेदारी है, जो आर्थिक, सांस्कृतिक और सुरक्षा के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रही है। इस दौरे के दौरान दोनों पक्ष न केवल वर्तमान सहयोग को मजबूत करेंगे, बल्कि नई नीतियों और समझौतों पर भी चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के दौरे के दौरान जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए संयुक्त पहल, डिजिटल और तकनीकी नवाचार, शिक्षा और कौशल विकास और व्यापार में निवेश को बढ़ावा देने जैसे विषय मुख्य रूप से चर्चा में रहेंगे।