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इजराइल ने साफ किया कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का भारत दौरा सुरक्षा कारणों से स्थगित नहीं हुआ। नेतन्याहू ने कहा कि उन्हें भारत की सुरक्षा पर पूरा भरोसा है और दोनों देश नई तारीखों पर काम कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर फैली अटकलों को इजराइली सरकार ने भ्रामक कहा।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
Jerusalem: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भारत दौरे के स्थगित होने को लेकर सोशल मीडिया और कुछ रिपोर्ट्स में बड़े दावे किए जा रहे थे। कहा गया कि दिल्ली के लाल किले के पास हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा कारणों से नेतन्याहू ने अपनी भारत यात्रा रद्द की। हालांकि इजराइल ने मंगलवार (25 नवंबर 2025) को इन सभी दावों को पूरी तरह खंडित कर दिया।
इजराइली प्रधानमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया कि दौरा सुरक्षा कारणों से स्थगित नहीं हुआ है और प्रधानमंत्री नेतन्याहू को भारत की सुरक्षा व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। दोनों देश नई तारीखों पर समन्वय कर रहे हैं।
इजराइली PMO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “भारत के साथ इजराइल का संबंध और प्रधानमंत्री नेतन्याहू व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच रिश्ते बेहद मजबूत हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की सुरक्षा व्यवस्था पर पूर्ण भरोसा है। दोनों पक्ष जल्द नई यात्रा तिथियों पर सहमति करेंगे।” यह बयान उन खबरों पर सीधा जवाब माना जा रहा है, जिनमें कहा जा रहा था कि हाल ही में दिल्ली में हुए हमले के बाद इजराइल ने यात्रा सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।
पूरे मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने पीटीआई से साफ कहा कि मीडिया के कुछ हिस्सों में चल रही रिपोर्टें “अटकलों पर आधारित” और “भ्रामक” हैं। सूत्रों के मुताबिक नेतन्याहू का दौरा तय था, लेकिन दोनों देशों की व्यस्त कूटनीतिक गतिविधियों के चलते नई तारीख तय की जा रही है, यात्रा स्थगन का सुरक्षा चिंताओं से कोई संबंध नहीं है।
नेतन्याहू 2018 के बाद पहली बार भारत आने वाले थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक वह इस साल के अंत में भारत आने की योजना बना रहे थे, लेकिन यह इस साल तीसरी बार है जब उनकी यात्रा स्थगित हुई है। वह 14–19 जनवरी 2018 के बीच छह दिन की भारत यात्रा पर आए थे, जो उनका दूसरा आधिकारिक दौरा था। उस यात्रा में भारत-इजराइल संबंधों ने नई दिशा पाई थी।
हाल ही में दिल्ली के लाल किले के पास कार बम हमले की कोशिश को लेकर NIA ने कई गिरफ्तारियां की थीं। इसी घटना को कुछ विदेशी मीडिया ने नेतन्याहू के दौरे से जोड़ दिया, लेकिन इजराइल ने इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया।
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कूटनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस दौरे का पुनर्निर्धारण केवल तकनीकी कारणों से हुआ है और इसका दोनों देशों के मजबूत रणनीतिक संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सुरक्षा, रक्षा, साइबर टेक्नोलॉजी और कृषि नवाचारों में भारत और इजराइल लगातार सहयोग बढ़ा रहे हैं।