India-China Flight: भारत और चीन के बीच शुरू हुई सीधी उड़ान, यात्रियों को मिलेंगी ये सुविधाएं, जानिये कैसे हुआ संभव

भारत और चीन के बीच पांच साल बाद सीधी उड़ानें फिर शुरू हो रही हैं। 26 अक्टूबर की रात इंडिगो की फ्लाइट कोलकाता से ग्वांगझोउ के लिए रवाना होगी। यह कदम न केवल एयर कनेक्टिविटी की वापसी है बल्कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों में सुधार का भी प्रतीक है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 26 October 2025, 2:49 PM IST
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New Delhi: भारत और चीन के बीच पांच साल बाद सीधी उड़ानें फिर से शुरू हो रही हैं। शनिवार रात यानी 26 अक्टूबर को रात 10 बजे कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से इंडिगो की फ्लाइट 6E1703 चीन के ग्वांगझोउ के लिए रवाना होगी। यह उड़ान सिर्फ एक हवाई यात्रा नहीं, बल्कि भारत और चीन के बीच संबंधों में धीरे-धीरे लौट रहे भरोसे का प्रतीक बन गई है।

पांच साल बाद एयर कनेक्टिविटी की वापसी

दोनों देशों के बीच 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद सभी सीधी उड़ानें बंद कर दी गई थीं। इसके बाद संबंध 1962 के युद्ध के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे। लेकिन कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं के बाद अब दोनों देश फिर से सामान्य रिश्तों की दिशा में बढ़ रहे हैं।

9 नवंबर से दिल्ली और ग्वांगझोउ के बीच भी इंडिगो की फ्लाइट शुरू होगी। इससे दोनों देशों के बीच व्यावसायिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को नया आयाम मिलने की उम्मीद है।

Indigo flight

भारत और चीन के बीच शुरू हुई सीधी उड़ान

मोदी-शी मुलाकात के बाद शुरू हुई बहाली की प्रक्रिया

इस उड़ान की बहाली का संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की 31 अगस्त को त्येनजिन में हुई मुलाकात के दौरान मिला था। उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने सीधी उड़ानों की बहाली का मुद्दा उठाया था, जिस पर चीन ने सकारात्मक रुख दिखाया।

इसके बाद दोनों देशों ने कई स्तरों पर बातचीत की और अंततः भारत ने कोलकाता-ग्वांगझोउ रूट से उड़ानों की शुरुआत की घोषणा की।

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गलवान से लेकर कैलाश तक रिश्तों में सुधार

जून 2020 की गलवान घाटी झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण माहौल था। हालांकि पिछले साल अक्टूबर में डेपसांग और डेमचोक विवादित क्षेत्रों पर समझौते के बाद हालात में सुधार शुरू हुआ। इसके बाद कजान में हुई मोदी-शी वार्ता ने रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने की दिशा तय की।

हाल ही में कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली ने भी दोनों देशों के बीच भरोसे को मजबूत किया था। अब सीधी उड़ानों की शुरुआत उस प्रक्रिया की एक और बड़ी उपलब्धि है।

यात्रियों और व्यापारियों को मिलेगा बड़ा लाभ

भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू होने से व्यापार, शिक्षा और पर्यटन क्षेत्र में बड़ा फायदा होगा। भारतीय छात्रों को चीन के विश्वविद्यालयों तक पहुंच आसान होगी। व्यापारियों और इंडस्ट्री प्रतिनिधियों को बिजनेस मीटिंग के लिए अब लंबी ट्रांजिट फ्लाइट नहीं लेनी होगी।

एविएशन सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि यात्रियों की अच्छी प्रतिक्रिया मिलने पर मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई से भी जल्द ही चीन के लिए उड़ानें शुरू की जा सकती हैं।

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नई शुरुआत का प्रतीक

विशेषज्ञों के अनुसार, यह उड़ान केवल दो देशों के बीच हवाई संपर्क की बहाली नहीं है, बल्कि एक नए कूटनीतिक अध्याय की शुरुआत है। पांच साल बाद जब भारत और चीन के बीच सीधी फ्लाइट फिर से उड़ान भरेगी, तो यह संकेत होगा कि दोनों देश अतीत के तनाव को पीछे छोड़ते हुए सहयोग और संवाद की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

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  • New Delhi

Published : 
  • 26 October 2025, 2:49 PM IST