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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के खिलाफ राज्य के युवा और कुछ संगठन मिलकर 15 दिसबंर को बड़े आंदोलन की तैयारी में है। इस आंदोलन को समाजवादी पार्टी ने भी अपना समर्थन देने की घोषणा की है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट
युवा और कुछ संगठन मिलकर महाआंदोलन की तैयारी में
Lucknow: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के खिलाफ राज्य के युवा और कुछ संगठन मिलकर 15 दिसबंर को महाआंदोलन की तैयारी में है। इस बड़े आंदोलन को समाजवादी पार्टी ने भी अपना समर्थन देने की घोषणा की है। राज्य के कई संगठन और छात्र संघ मिलकर इस महाआंदोलन को आयोजित करेंगे। आंदोलन का मकसद है कि हज़ारों युवाओं की मेहनत, उनके सपनों और भविष्य के साथ किए गए कथित अन्याय को उजागर किया जाए और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त न किया जाए।
प्रतियोगी छात्रों ने स्पष्ट किया है कि 15 दिसंबर को सुबह 11 बजे प्रयागराज गेट नंबर 2 और 3 पर लाखों युवा एकजुट होकर ऐतिहासिक प्रदर्शन करेंगे। छात्रों का कहना है कि यह सिर्फ राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि उनके भविष्य और रोजगार के अधिकार का मामला है। उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण होगा लेकिन दृढ़ संकल्प के साथ किया जाएगा ताकि UPPSC में किसी भी तरह के अन्याय और अनुचित फैसलों को उजागर किया जा सके।
युवाओं के आंदोलन के समर्थन में समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव (Samajwadi Party (SP) chief Akhilesh Yadav) ने भी अपना नैतिक समर्थन जताया है। उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट करके लिखा कि, “नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं। भाजपा जाए तो नौकरी आए! हमारा नैतिक समर्थन प्रतियोगी छात्रों के साथ हमेशा रहा है और रहेगा। ये राजनीति का नहीं युवाओं के भविष्य का सवाल है।” उनके इस पोस्ट के साथ #15_दिसंबर_महाआंदोलन_लोकसेवाआयोग हैशटैग का उपयोग किया गया। इस समर्थन ने आंदोलन को और अधिक मजबूती और ध्यान आकर्षित किया है।
नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं।
भाजपा जाए तो नौकरी आए!
हमारा नैतिक समर्थन प्रतियोगी छात्रों के साथ हमेशा रहा है और रहेगा। ये राजनीति का नहीं युवाओं के भविष्य का सवाल है। #15_दिसंबर_महाआंदोलन_लोकसेवाआयोग pic.twitter.com/jk4pm1oPkq
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 11, 2025
उत्तर प्रदेश के युवाओं और प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि UPPSC में लंबे समय से चल रही प्रक्रियाओं में कथित अनियमितताएं और भ्रष्टाचार उनके भविष्य को खतरे में डाल रहे हैं। परीक्षा परिणाम में देरी, साक्षात्कार और मेरिट सूची में विवाद, और भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की कमी ने युवाओं में असंतोष पैदा किया। छात्रों का कहना है कि उनके हक और मेहनत के साथ खिलवाड़ अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।