

बरसात के मौसम में आई फ्लू का खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में डॉ. पायल सिंह ने सही इलाज के बारे में बताया। यहां पढ़ें पूरी खबर
आई फ्लू (सोर्स- इंटरनेट)
Sultanpur: जहां एक तरफ मानसून की शुरूआत हो चुकी है वहीं दूसरी तरफ आई फ्लू का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। बता दें कि इस समय बरसात के मौसम में आई फ्लू का खतरा बढ़ता जा रहा है, जिसे कंजक्टिवाइटिस या पिंक आई भी कहा जाता है। यह आंखों में संक्रमण के कारण होता है, जिससे आंखें लाल, सूजन और पानीदार हो जाती हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता ने बताया कि राजकीय मेडिकल कॉलेज सुल्तानपुर में तैनात डॉ. पायल सिंह ने बरसात के मौसम में तेज़ी से फैलने वाली आई फ्लू यानी कंजंक्टिवाइटिस से बचाव और उसके सही इलाज के बारे में बताया।
डॉक्टर ने बताया कि बरसात के मौसम में नमी और वायरस-बैक्टीरिया की सक्रियता बढ़ने से आंखों में संक्रमण की आशंका भी बढ़ जाती है। इससे आंखें लाल हो जाती हैं, साथ ही जलन और खुजली भी होती है। आई फ्लू के दौरान आंखें सूज भी सकती हैं।
आई फ्लू के प्रकार
वायरल कंजंक्टिवाइटिस – इसमें आँखों से पानी जैसा डिस्चार्ज होता है। यह बीमारी कुछ समय बाद अपने आप भी ठीक हो सकती है। डॉक्टर ल्यूब्रिकेंट ड्रॉप्स और ठंडी सिकाई की सलाह देते हैं।
बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस – इसमें एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स दी जाती हैं। अगर बुखार या फ्लू भी हो, तो ओरल एंटीबायोटिक दवाएं भी दी जा सकती हैं।
एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस – इसमें एंटीबायोटिक के साथ एलर्जी की दवाएँ भी दी जाती हैं।
आई फ्लू के लक्षण
1. आंखों में दर्द और लालपन
2. आंखों से पानी आना और खुजली
3. आंखों में सूजन और जलन
4. आंखों का लाल होना और पलकों में रूखापन
5. आंखों से सफेद या पीला रंग का डिस्चार्ज होना
बचाव के लिए डॉक्टर की सलाह
1. बार-बार हाथ धोएँ और आँखों को न छुएं।
2. संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट रहें, अलग कमरे में सोएं।
3. तौलिया, तकिया, रुमाल जैसे व्यक्तिगत सामान शेयर न करें।
4. कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग कुछ समय के लिए बंद कर दें।
5. पब्लिक जगहों, पार्टी और स्वीमिंग पूल से दूरी बनाएं।
6. सबसे ज़रूरी खुद से दवा लेने के बजाय तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।
चेतावनी
डॉ. पायल सिंह ने कहा कि आई फ्लू को हल्के में न लें, क्योंकि लापरवाही से संक्रमण फैल भी सकता है और आंखों को नुकसान भी पहुँचा सकता है।