फर्जी IAS बनकर करोड़ों की ठगी करने वाला पकड़ा गया बड़ा गिरोह, चार राज्यों में फैले नेटवर्क का पर्दाफाश

सरकारी नौकरी और टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का गोरखपुर पुलिस ने खुलासा किया है। प्रेस वार्ता में नगर पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिनव त्यागी ने तीन आरोपियों की गिरफ्तारी की घोषणा की।

Gorakhpur: सरकारी नौकरी और टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का गोरखपुर पुलिस ने खुलासा किया है। प्रेस वार्ता में नगर पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिनव त्यागी ने तीन आरोपियों की गिरफ्तारी की घोषणा की। गिरोह का मुख्य आरोपी ललित किशोर, निवासी सीतामढ़ी, बिहार, खुद को IAS अधिकारी गौरव कुमार बताता था और नौकरी, मनचाहा पोस्टिंग, बड़े टेंडर और शादी जैसी सेवाओं का झांसा देकर लोगों से करोड़ों रुपये ऐंठता था।

सहयोगी और तकनीकी माहिर

ललित किशोर के साथ अभिषेक कुमार और परमानन्द गुप्ता शामिल थे, जो AI तकनीक और एडवांस डिजाइनिंग टूल्स से फर्जी दस्तावेज बनाते थे। इनके बनाए फर्जी कागजात इतने प्रामाणिक दिखते थे कि लोग आसानी से भ्रमित हो जाते थे। गिरोह ने UP, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश में 40 से अधिक लोगों को शिकार बनाया, जिसमें सबसे ज्यादा पीड़ित बिहार से सामने आए।

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फर्जी दस्तावेजों से हुआ पर्दाफाश

गिरोह का भंडाफाश तब हुआ जब एक ठेकेदार ने पुलिस को संदेहास्पद सरकारी टेंडर दिखाया। जांच में पाया गया कि दस्तावेज में अधिकारी का मुहर, हस्ताक्षर और लेटरहेड असली जैसा दिखता था, लेकिन पूरी तरह फर्जी था। इसके बाद गुलरिहा पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू की और स्पेशल टीम गठित की।

जबरदस्त VIP ठाठ और भव्य जालसाजी

ललित किशोर ने अपने ठाठ दिखाने के लिए सफेद कार पर भारत सरकार का झंडा, फर्जी IAS ID कार्ड, नेम प्लेट और आठ निजी गनर रखे थे। इसका इस्तेमाल करके वह सरकारी अधिकारी जैसा प्रभाव बनाकर लोगों को जाल में फंसाता था।

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बरामद सामग्री और जांच की दिशा

गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से ₹4,15,500 नकद, सोने-चांदी के जेवर, लैपटॉप, ATM कार्ड, पासपोर्ट, फर्जी ID कार्ड, नेमप्लेट, चेकबुक और पासबुक बरामद हुए। टीम में थाना गुलरिहा प्रभारी विजय प्रताप सिंह, उ0नि0 राजमंगल सिंह, SOG प्रभारी छोटेलाल राय और साइबर सेल शामिल रहे।

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आगे की कार्रवाई

पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान के लिए बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश पुलिस के साथ समन्वय कर रही है। जांच के आधार पर और गिरफ्तारियों की संभावना जताई गई है। गोरखपुर पुलिस की यह कार्रवाई यह संदेश देती है कि सरकारी नौकरी और ठगी के नाम पर बड़े पैमाने पर हो रही जालसाजी पर कड़ी नजर रखी जा रही है और अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 10 December 2025, 7:24 PM IST