

दीवाली को रोशनी, खुशियों और समृद्धि का त्योहार माना जाता है। लेकिन इस दिन एक और परंपरा भी देखने को मिलती है-जुआ खेलने की। बहुत से लोग दीवाली की रात ताश या जुए का खेल खेलते हैं, और इसे शुभ मानते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस प्रथा की शुरुआत कहाँ से हुई?
दिवाली को क्यों खेला जाता है जुआ
New Delhi: देश में इस समय कापी उत्साह दिख रहा है, दीवाली को रोशनी, खुशियों और समृद्धि का त्योहार माना जाता है। लेकिन इस दिन एक और परंपरा भी देखने को मिलती है-जुआ खेलने की। बहुत से लोग दीवाली की रात ताश या जुए का खेल खेलते हैं, और इसे शुभ मानते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस प्रथा की शुरुआत कहाँ से हुई?