Heath Tips: प्लास्टिक की बोतल में पानी पीना है खतरनाक, सेहत पर भारी पड़ते हैं इसके दुष्प्रभाव

हाल की रिसर्च में खुलासा हुआ है कि प्लास्टिक की बोतलों में मौजूद नैनोप्लास्टिक और रसायन हमारे स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन रहे हैं। बोतलबंद पानी पीने से डायबिटीज, हार्मोन असंतुलन और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 31 July 2025, 4:00 PM IST
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New Delhi: प्लास्टिक ने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को पूरी तरह से अपनी पकड़ में ले लिया है। हम जो भी खाने-पीने का सामान लेते हैं, वह अधिकतर प्लास्टिक पैकेट या बोतलों में ही मिलता है। खासतौर पर पानी की बोतलों का इस्तेमाल हम बड़ी मात्रा में करते हैं। कई ब्रांड्स बोतलबंद पानी को “शुद्ध” और “सुरक्षित” बताकर बेचते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये पानी आपकी सेहत के लिए खतरा बन सकता है?

स्वास्थ्य पर गंभीर असर डालते हैं बोतलबंद पानी

एक ताजा रिसर्च में बताया गया है कि बोतलबंद पानी में लाखों नैनोप्लास्टिक कण पाए जाते हैं। ये कण इतने छोटे होते हैं कि वे हमारे शरीर के रक्तप्रवाह, कोशिकाओं और मस्तिष्क तक पहुंच सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। प्लास्टिक की बोतलों में पाए जाने वाले बिस्फेनॉल-ए (बीपीए) और फेथलेट्स जैसे रसायन गर्मी या धूप में पानी में घुल जाते हैं। ये रसायन शरीर में जाकर हार्मोनल असंतुलन, प्रजनन क्षमता में कमी और अन्य गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं।

बढ़ सकता है दिल का दौरा

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि पॉली कार्बोनेट नामक प्लास्टिक, जो बोतलों के निर्माण में इस्तेमाल होता है, उसमें मौजूद केमिकल बीपीए हमारे दिल, गुर्दे और पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की रिसर्च में भी इस बात को प्रमाणित किया गया है कि बीपीए के अधिक सेवन से डायबिटीज और दिल के रोगों का खतरा काफी बढ़ जाता है।

प्लास्टिक की बोतल में रखे पानी के लगातार सेवन से न केवल हार्मोन असंतुलन होता है, बल्कि यह प्रजनन क्षमता को भी कमजोर करता है। माइक्रोप्लास्टिक से दूषित पानी कोशिकाओं में सूजन और क्षति का कारण बन सकता है।

कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का बढ़ सकता है खतरा

कैंसर विशेषज्ञों का भी मानना है कि प्लास्टिक में रखे गर्म पानी या भोजन का सेवन कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा बढ़ा सकता है। विशेषकर प्लास्टिक की पॉलिथीन में रखे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों के सेवन से यह खतरा और भी अधिक हो जाता है। प्लास्टिक के ये छोटे-छोटे कण शरीर के अंदर जाकर इन्फ्लेमेशन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस जैसी स्थितियों को जन्म देते हैं, जो आगे चलकर गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, हृदय रोग और न्यूरोलॉजिकल विकारों का कारण बन सकते हैं।

इसलिए विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि प्लास्टिक की बोतलों से बचना चाहिए और प्राकृतिक या दोबारा उपयोग योग्य कंटेनर जैसे स्टील, कांच या टेराकोटा का उपयोग करना चाहिए। घर में पानी स्टोर करते समय साफ-सुथरी मिट्टी या कांच की बोतलों का उपयोग करना बेहतर होता है। आखिरकार, हमारी सेहत की सुरक्षा के लिए प्लास्टिक से दूरी बनाना अब बेहद जरूरी हो गया है। छोटी-छोटी सावधानियां हमें कई बड़े रोगों से बचा सकती हैं।

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  • New Delhi

Published : 
  • 31 July 2025, 4:00 PM IST