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मधुमेह न केवल रक्त शर्करा को प्रभावित करता है, बल्कि हड्डियों और जोड़ों को भी नुकसान पहुँचाता है। उच्च शर्करा स्तर हड्डियों को कमज़ोर कर सकता है और फ्रैक्चर का ख़तरा दोगुना कर सकता है। जानें कि हड्डियाँ कमज़ोर क्यों होती हैं, इसके लक्षण क्या हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है।
डायबिटीज हड्डियों को कैसे करती है कमजोर
New Delhi: भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। अस्वास्थ्यकर आहार, तनाव और असंतुलित जीवनशैली ने इस बीमारी को आम बना दिया है। लोगों का मानना है कि मधुमेह केवल रक्त शर्करा, हृदय, आँखों या गुर्दे को ही प्रभावित करता है, लेकिन इसका हड्डियों पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। शोध बताते हैं कि मधुमेह के रोगियों में सामान्य व्यक्तियों की तुलना में हड्डियों के फ्रैक्चर होने की संभावना दोगुनी होती है। उच्च रक्त शर्करा सीधे हड्डियों की मज़बूती को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे उन्हें कमज़ोर करता है।
लंबे समय तक उच्च रक्त शर्करा हड्डियों के निर्माण और टूटने की प्राकृतिक प्रक्रिया को बाधित करता है। इससे हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है और हड्डियाँ भंगुर हो जाती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मधुमेह ऑस्टियोआर्थराइटिस, लिगामेंट में सूजन और जोड़ों के दर्द का खतरा बढ़ा देता है। लगातार उच्च रक्त शर्करा शरीर में सूजन पैदा करता है, जिसका सीधा असर जोड़ों पर पड़ता है। अगर तुरंत इलाज न किया जाए, तो यह स्थिति गठिया में बदल सकती है।
मधुमेह से पीड़ित लोगों में हड्डियों के कमज़ोर होने के कुछ शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं:
मधुमेह रोगी कुछ आसान बदलावों से अपनी हड्डियों की रक्षा कर सकते हैं:
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। इसका उद्देश्य चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प बनना नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से परामर्श लें। डायनामाइट न्यूज़ ने इस खबर की पुष्टि नहीं की है।