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दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों में आंखों की जलन, सूजन और इंफेक्शन तेजी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि पीएम 2.5 और पीएम 10 कण सीधे आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं। जानिए प्रदूषण में आंखों को सुरक्षित रखने के जरूरी उपाय।
दिल्ली-NCR में बढ़ता प्रदूषण
New Delhi: दिल्ली-NCR में हर साल सर्दियों की शुरुआत प्रदूषण के संकट के साथ होती है, लेकिन इस बार हालात और गंभीर हो चुके हैं। दिवाली के बाद कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंच गया है, जिसे "सीवियर कैटेगरी" में रखा जाता है। इस जहरीली हवा का असर लोगों की सेहत पर तेजी से दिख रहा है। खासकर आंखों में जलन, चुभन, पानी आने और इंफेक्शन जैसी शिकायतें बढ़ गई हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, हवा में मौजूद बेहद छोटे पीएम 2.5 और पीएम 10 कण सीधे आंखों की सतह पर पहुंचकर कंजंक्टिवा और कॉर्निया पर जम जाते हैं। इससे एलर्जी, सूजन, लालपन और जलन की समस्या शुरू हो जाती है। लंबे समय तक ऐसी हवा के संपर्क में रहने से ड्राई आई सिंड्रोम, एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस और इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है।
डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों और बुजुर्गों में यह असर ज्यादा तेज दिखता है, क्योंकि उनकी आंखें संवेदनशील होती हैं और प्रदूषण के कणों से जल्दी प्रभावित हो जाती हैं।
प्रदूषण बना आंखों के लिए बड़ा खतरा
1. बाहर निकलते समय सनग्लासेस या काले चश्मे पहनें
धूल, धुएं और जहरीले कणों से बचाव के लिए बाहर निकलते समय सनग्लासेस या बड़े आकार का काला चश्मा लगाएं। दोपहिया वाहन चलाने वालों को हेलमेट में ट्रांसपेरेंट शील्ड लगवानी चाहिए ताकि हवा सीधे आंखों में न जाए।
2. लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें
प्रदूषण आंखों की नमी कम कर देता है, जिससे खुजली और सूखापन बढ़ जाता है। दिन में 2–3 बार लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप डालने से आंखें मॉइस्चराइज्ड रहती हैं और जलन कम होती है।
3. आंखों को दिन में दो बार ठंडे पानी से धोएं
ठंडे पानी से आंखें धोने से सूजन और जलन में राहत मिलती है। जरूरत पड़ने पर आईस पैक की हल्की सिकाई भी कर सकते हैं, लेकिन आइस पैक सीधे आंखों पर न लगाएं।
4. आंखों को रगड़ने से बचें
जलन होने पर लोग अक्सर आंखें रगड़ देते हैं, जिससे कॉर्निया को नुकसान पहुंच सकता है। बेहतर है कि आंखों को पानी से धो लें और बार-बार छूने से बचें।
5. डॉक्टर को कब दिखाएं?
अगर लगातार जलन, धुंधलापन, तेज दर्द, पानी आना या सूजन बनी रहे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय रहते इलाज न मिलने पर इंफेक्शन फैल सकता है और दृष्टि पर भी असर पड़ सकता है।