

भागती-दौड़ती जिंदगी और घंटों एक ही पोजीशन में बैठने से पीठ दर्द की समस्या आम होती जा रही है। जानिए इसके मुख्य कारण, लक्षण और विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए आसान व्यायाम और खानपान के उपाय, जिससे आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
पीठ दर्द (सोर्स-गूगल)
New Delhi: आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में लोगों की जीवनशैली इतनी व्यस्त हो गई है कि शरीर की देखभाल के लिए समय निकालना मुश्किल हो गया है। घंटों कंप्यूटर या मोबाइल पर झुके रहना, गलत पोस्चर में बैठना और शारीरिक गतिविधियों की कमी ये सभी आदतें पीठ दर्द को जन्म दे रही हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि पहले पीठ दर्द की शिकायत 45 की उम्र के बाद होती थी, लेकिन अब 25 से 30 वर्ष की उम्र के युवा भी इस समस्या से परेशान हैं। डॉ. बताते हैं कि अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह समस्या क्रॉनिक बैक पेन का रूप ले सकती है, जिससे उठना-बैठना और सामान्य दिनचर्या भी प्रभावित हो सकती है।
पीठ दर्द के प्रमुख कारण
लंबे समय तक लगातार बैठन जैसे ऑफिस का काम या ऑनलाइन पढ़ाई, पीठ दर्द का एक प्रमुख कारण बनता है। साथ ही गलत पोस्चर जैसे झुककर बैठना या सोने का गलत तरीका भी पीठ की समस्याओं को बढ़ाता है। कैल्शियम और विटामिन D की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे पीठ दर्द की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा अचानक या नियमित रूप से भारी वजन उठाना भी मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी पर दबाव डालता है। मानसिक तनाव और थकान भी मांसपेशियों की स्थिति को प्रभावित करके पीठ दर्द को बढ़ा सकते हैं।
बैक पेन का इलाज (सोर्स-गूगल)
समाधान: सिर्फ 10 मिनट रोज़ाना स्ट्रेचिंग करें
नियमित रूप से बैक स्ट्रेचिंग और स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज करने से पीठ दर्द में राहत मिलती है और भविष्य में होने वाले दर्द से बचाव भी होता है। इनमें कैट-काउ स्ट्रेच (Cat-Cow Stretch) रीढ़ की हड्डी को लचीलापन प्रदान करता है और नसों को शांत करता है। चाइल्ड पोज (Child’s Pose) पीठ के निचले हिस्से में खिंचाव लाकर तनाव को कम करता है। वहीं ब्रिज पोज (Bridge Pose) हिप्स, लोअर बैक और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
डाइट में क्या शामिल करें?
कैल्शियम युक्त आहार: दूध, दही, पनीर, बादाम
विटामिन D: रोज़ाना थोड़ी देर धूप में बैठें
एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स: हल्दी, अदरक, हरी पत्तेदार सब्जियां
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