

डीह थाना क्षेत्र में साइबर फ्रॉड के मामले में तीन अभियुक्त गिरफ्तार किए गए हैं। इस मामले में पांच व्यक्तियों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
रायबरेली: साइबर फ्रॉड के मामले में आज थाना डीह, एसओजी/सर्विलांस तथा साइबर थाना पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत जावेद जलाल पुत्र जलाल, मथीअजागन पुत्र कन्नन और दिलशाद आलम पुत्र अब्दुल को तकनीकी सहयोग से थाना कोतवाली नगर क्षेत्र के जेल रोड स्थित स्टेडियम के पास से गिरफ्तार किया गया है। जिनके विरुद्ध थाना स्थानीय पर वैधानिक कार्यवाही करते हुए न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा रहा है। अभियोग में विवेचना प्रचलित है तथा अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है। इस मामले में 5 लोगों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है इस तरह कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता ने बताया कि ये लोग अपने आस पास के लोगो को लालच देकर कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से उन्हीं के नाम से एक सिम लेकर अपने पास रख लेते थे तथा उन्ही कूटरचित दस्तावेज व सिम से बैंक में खाता खुलवाते थे, जिसका एटीएम व पासबुक अपने पास रखते थे। जब संबंधित गैंग उनमे पैसा डालता था तो यह लोग अलग-अलग एटीएम से जाकर पैसा निकाल लिया करते थे और अपने गैंग संचालक के खातें में सीडीएम के माध्यम से पैसा डाल देते थे तथा शेष पैसा अपने पास रख लिया कर लेते थे।
अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि पकड़े गये अभियुक्तों से मालूम चला कि यह लोग सीडीएम के माध्यम से प्राप्त पैसों का ऑनलाइन विभिन्न माध्यमों से देश के कोने कोने में रिचार्ज बिल पेयमेन्ट करके अपना कमीशन काटकर शेष पैसा अपने एजेन्टों को भेज देते थे।
पूछताछ के क्रम में अभियुक्त जावेद जलाल पुत्र जलाल उपरोक्त ने बताया कि उसने मथीअजागन पुत्र कन्नन वर्ष 2018 में एनएक्सटीजन सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड ब्रांच केके नगर मदुरै तमिलनाडु नामक कम्पनी में काम करते थे। वही से महताब आलम पुत्र अब्दुल वाहिद निवासी माधोपुर सिवान राज्य बिहार का हम लोगो से परिचय हुआ। महताब आलम इस कम्पनी में काफी पैसा हम दोनो के माध्यम से ट्रान्सफर कराता था। जहा हम अपनी कम्पनी का कमीशन काटकर महताब आलम द्वारा बताये गये अन्य खातों में भेज देते थे। चूंकि महीने भर में ही कई करोड का ट्रान्जेक्शन हो जाता था जिसमें लाखों का कमीशन हमारी कम्पनी को मिल जाता था।
कमीशन व पैसो के लालच में मैने व मेरे साथी मथीअजागन पुत्र कन्नन उपरोक्त ने महताब आलम के आर्थिक सहयोग से चेन्नई में वनाविल बिजनेस सॉल्यूशंस एलएलपी नाम की नई कम्पनी बनायी थी, जिसकी बेबसाइट alphape.co.in है तथा हम लोगों ने अपना एक ई-पेमेन्ट का अल्फा पे नामक एप्लीकेशन बनाया है, जो भी कमीशन आता है, हम दोनों पार्टनर आधा आधा बांट लेते हैं। महताब आलम ने अपने भाई दिलशाद आलम पुत्र अब्दुल वाहिद निवासी माधोपुर सिवान बिहार की आई०डी० क्रियेट कराकर हमारी कम्पनी का एजेन्ट बना दिया था जिसका एजेन्ट आई०डी० 175 है और हमने दिलशाद के लिए अल्फा पे पर एक वायलेट एकाउन्ट बना दिया तबसे लगातार अनेक बार महताब व दिलशाद आलम द्वारा अपने एजेन्टों के माध्यम से हमारे खाते में कैश डिपोजिट मशीन के माध्यम से लगातार पैसे भेजे गये। जिसे मैं उनके द्वारा बताये गये खातों में व उनके वायलेट में जमा कर देता था। पैसों का ट्रान्जेक्शन अनेक बार होने के कारण हमारे खातों के विरुद्ध साइबर फ्राड की शिकायत हुई और मेरे कई खाते फ्रीज हो गये तो हम लोगों ने उक्त कार्य व व्यापार के लिए नये खाते खुलवा लिया करते थे।
रायबरेली से एजेन्ट संजय पाण्डेय द्वारा अनेको बार सी०डी०एम० मशीन से पैसा हमारे खातों में भेजा गया है। लेकिन जब हमारे खाते लगातार फ्रीज होने लगे तो महताब चेन्नई में ही नगद पैसे उपलब्ध कराया करता था। जिसे मैं अपने खाते में भेजकर महताब के बताये खातों में भेज दिया करता था। सभी अभियुक्तों से पूछताछ करने पर एकसाथ बताया गया कि संजय पाण्डेय पुत्र लल्लन निवासी रैधरा मजरे आशारसीदपुर थाना डीह रायबरेली जो कि हमारा रायबरेली का एजेन्ट है। काफी दिनों से गायब हैऔर हमारा काफी पैसा फंसा हुआ है एवं रायबरेली साइबर थाने द्वारा हमारा एकाउन्ट फ्रीज कर दिया गया है। आज हम लोग अपना खाता खुलवाने और संजय पाण्डेय से हिसाब करने आये हुए थे तो पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
अभियुक्त जावेद की कंपनी वनाविल बिजनेस सॉल्यूशंस के एचडीएफसी बैंक खाते में कुल 2,34,97,700 रुपये जनपद रायबरेली से सीडीएम के माध्यम से भेजे गये थे। उपरोक्त खाते का कुल ट्रान्जेकशन 142 करोड़ रुपये है तथा उपरोक्त कंपनी के अन्य खातों के बारे में जानकारी की गयी तो एक्सिस बैंक के 02 खाते प्रकाश में आये, जिसमें कुल 639 करोड़ रुपये का ट्रान्जेक्शन पाया गया व येस बैंक के खाते में 268 करोड़ ट्रान्जैक्शन हुआ था।