

बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के मामले में मौलाना तौकीर रजा सहित 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मौलाना पर दर्ज 7 FIR समेत कुल 10 मामलों की जांच SIT को सौंपी गई है। पुलिस ने रजा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और जांच तेज कर दी है।
बंदायू हिंसा
Bareilly: बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद अचानक स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब मौलाना तौकीर रजा खान की अपील पर बड़ी संख्या में लोग "आई लव मोहम्मद" के समर्थन में सड़कों पर उतर आए। भीड़ ने प्रशासन के दिशा-निर्देशों की अवहेलना करते हुए मार्च निकालना शुरू किया, जिस पर पुलिस ने रोक लगाने की कोशिश की। स्थिति ने उस समय हिंसक रूप ले लिया, जब भीड़ की ओर से पथराव शुरू हुआ, और जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इसके बाद शहर के कई हिस्सों में हिंसा और अफरा-तफरी का माहौल फैल गया।
घटना के बाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें और अन्य सात लोगों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने जानकारी दी कि इस हिंसा मामले में कुल 10 FIR दर्ज की गई हैं, जिनमें से सात मामलों में मौलाना तौकीर रजा का नाम दर्ज है। शुरू में उन्हें बरेली जेल भेजा गया, लेकिन सुरक्षा कारणों से फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया।
मौलाना तौकीर रजा
डीआईजी अजय साहनी ने हिंसा से जुड़े दसों मुकदमों की निष्पक्ष और तकनीकी रूप से मज़बूत जांच सुनिश्चित करने के लिए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है। SIT में बरेली के एसपी सिटी, सीओ फर्स्ट और संबंधित विवेचक शामिल हैं। टीम अब हर FIR की गहनता से जांच कर तथ्यों के आधार पर ठोस कार्रवाई करेगी। डीआईजी ने कहा कि यह कदम कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने और दोषियों को सज़ा दिलाने के लिए उठाया गया है।
शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग "आई लव मोहम्मद" अभियान के समर्थन में सड़कों पर उतरे थे। मौलाना तौकीर रजा की अपील पर लोगों ने नारेबाजी की और जुलूस निकाला। प्रशासन ने पहले ही अनुमति न मिलने की चेतावनी जारी की थी, लेकिन इसके बावजूद बिना इजाजत के मार्च निकाला गया। पुलिस ने जब लोगों को रोकने की कोशिश की तो भीड़ आक्रामक हो गई और कई इलाकों में पथराव की घटनाएं हुईं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की अपीलें, जब प्रशासनिक अनुमति न हो, कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बन सकती हैं। मौलाना तौकीर रजा का नाम पहले भी विवादों और धार्मिक उकसावे वाले बयानों में आ चुका है। उनके खिलाफ कई बार सांप्रदायिक तनाव भड़काने के आरोप भी लगे हैं। इस बार भी पुलिस का कहना है कि तौकीर रजा की अपील का सीधा संबंध हिंसा से जुड़ा पाया गया है, जिसके कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया।
प्रशासन और पुलिस ने स्पष्ट किया है कि इस पूरे मामले में कानून के अनुसार निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वो कितना भी बड़ा चेहरा क्यों न हो। SIT हर पहलू की जांच कर रही है-क्या यह हिंसा पूर्व-नियोजित थी, किसके इशारे पर भीड़ जमा हुई, और क्या इसका कोई राजनीतिक या सांप्रदायिक एजेंडा था।