

दुनिया में जहां एक तरफ लोग माता-पिता बनने की चाह में न जानें क्या-क्या करते हैं वहीं कुछ कलयुगी लोगों ने माता-पिता और बच्चे के बीच के रिश्ते को शर्मसार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। छिंदवाड़ा का ताजा मामला इसी का उदाहरण है।
आरोपी माता-पिता
Chhindwara: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से एक बेहद शर्मनाक और दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। जहां एक शिक्षक पिता और उसकी पत्नी ने अपने महज तीन दिन के नवजात बच्चे को जंगल में पत्थरों के नीचे दबाकर लावारिस छोड़ दिया। आरोप है कि चौथे बच्चे के जन्म पर पिता को नौकरी से सस्पेंड किए जाने का डर सताने लगा था, जिसके कारण उसने ऐसा भयानक कदम उठाया।
यह पूरा मामला धनोरा चौकी के अंतर्गत ग्राम नांदनवाड़ी का है। रविवार रात को पुलिस को एक राहगीर से सूचना मिली कि रोड घाट के जंगल में कहीं 2-3 दिन का नवजात शिशु पत्थरों के बीच पड़ा हुआ है। चौकी प्रभारी और उनकी टीम तुरंत मौके पर पहुंची। नवजात को प्राथमिक उपचार के लिए स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां से बाद में बच्चे को जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी और नवजात के माता-पिता को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।
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पुलिस ने आरोपी माता-पिता की पहचान बबलू डांडोलिया और राजकुमारी डांडोलिया के रूप में की है। दोनों ग्राम सिधौली थाना तामिया के निवासी हैं और अमरवाड़ा में रहकर ग्राम नांदनवाड़ी की प्राथमिक शाला में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। आरोपी पति ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया कि उनकी पहले से तीन संतानें हैं और चौथे बच्चे के जन्म के बाद नौकरी चली जाएगी इस डर के कारण उन्होंने नवजात को जंगल में छोड़ दिया।
अमरवाड़ा एसडीओपी कल्याणी बरकडे ने बताया कि नवजात को मिलने के बाद तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया। बच्चे की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है और उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रशासन इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहा है।
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बटकाखापा थाना प्रभारी अनिल राठौर ने बताया कि आरोपी शिक्षक बबलू डांडोलिया ने पूछताछ में कहा कि उनके तीन बच्चे पहले से हैं, चौथा होने पर नौकरी जाने का डर था, जिसके चलते उसने यह घिनौना कृत्य किया। बच्चे की उम्र तीन दिन थी और उसके तीन बड़े भाई-बहन की उम्र आठ, छह और चार वर्ष है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 भी जोड़ी गई है, जो हत्या के प्रयास से संबंधित है। आरोपी शिक्षक ने 2009 में अपनी नौकरी शुरू की थी और वह नंदनवाड़ी में कार्यरत था।